बेंगलुरु, 24 जून (भाषा) ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ ने यह गलतफहमी दूर करने के लिए मंगलवार को देश भर में जन जागरूकता अभियान शुरू किया कि ‘एचपीवी’ या ‘ह्यूमन पेपिलोमावायरस’ केवल गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर तक ही सीमित है।
‘सीरम इंस्टीट्यूट’ द्वारा मंगलवार को आयोजित ‘कॉन्कर एचपीवी एंड कैंसर कॉन्क्लेव 2025’ में बताया गया कि एचपीवी का संबंध शरीर के विभिन्न अंगों के कैंसर से भी है तथा यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करता है।
‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ के कार्यकारी निदेशक पराग देशमुख ने कहा, ‘‘देश भर में आयोजित इन सम्मेलनों के माध्यम से हमारा उद्देश्य एचपीवी तथा गर्भाशय ग्रीवा एवं अन्य कैंसरों से इसके संबंध के बारे में समझ बढ़ाना है।’’
उनके अनुसार, चिकित्सा विशेषज्ञों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और समुदाय के सदस्यों को एक साथ लाकर, यह मंच ‘ह्यूमन पेपिलोमावायरस’ की शीघ्र पहचान और रोकथाम की दिशा में उनमुक्त बातचीत और व्यावहारिक कदम उठाने को प्रोत्साहित करता है।
सम्मेलन में वितरित की गयी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि 15 और 25 वर्ष की आयु के बीच एचपीवी संक्रमण की सबसे अधिक संभावना होती है जिसके लिए प्रारंभिक जागरूकता और समय पर निवारक कार्रवाई आवश्यक है।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि अब सस्ती एचपीवी वैक्सीन उपलब्ध होने के कारण लोगों को एचपीवी से जुड़े कैंसर से बचाना आसान हो गया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत में एचपीवी से संबंधित बीमारियों, विशेषकर गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर का भारी बोझ बना हुआ है, जो देश में महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है।
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राजकुमार प्रशांत
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