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Wednesday, June 25, 2025

समाजवादी, द्रमुक अब उस पार्टी के साथ हैं जिसने आपातकाल के जरिए ‘लोकतंत्र की हत्या’ की: शाह

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(फोटो सहित)

नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले द्रमुक, समाजवादी नेताओं और अन्य पर निशाना साधते हुए कहा कि वे एक ऐसी पार्टी के साथ बैठे हैं जिसने आपातकाल लगाकर ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ की।

‘आपातकाल के 50 वर्ष’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि 25 जून -जिस दिन आपातकाल लगाया गया था – हर किसी को याद दिलाता है कि कांग्रेस सत्ता के लिए किस हद तक जा सकती है।

उन्होंने कहा कि 1975 के आपातकाल को भले ही 50 साल हो गए हों, लेकिन कांग्रेस के ‘‘अन्याय, अत्याचार और तानाशाही’’ की यादें अभी भी सभी के दिमाग में ताजा हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि आपातकाल लागू होने के बाद देश भर में 1.1 लाख लोगों – विपक्षी नेताओं, छात्र कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और संपादकों को गिरफ्तार किया गया।

उन्होंने कहा कि इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गुजरात और तमिलनाडु में गैर-कांग्रेसी सरकारों को बर्खास्त कर दिया था। शाह ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, आपातकाल का दंश झेलने वाले कई लोग अब कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ गए हैं।’’

शाह ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस के बजाय द्रमुक, समाजवादी और अन्य पार्टियों से पूछना चाहता हूं कि आपको लोकतंत्र के बारे में सवाल पूछने का क्या अधिकार है, जब आपने उस पार्टी से हाथ मिला लिया है जिसने देश में लोकतंत्र की हत्या की है।’’

शाह ने कहा कि भारत तानाशाही को स्वीकार नहीं कर सकता क्योंकि यह देश लोकतंत्र की जननी है। उन्होंने कहा, ‘‘अत्याचारी के इर्द-गिर्द रहने वाले एक छोटे से समूह को छोड़कर किसी को भी आपातकाल पसंद नहीं था। यही कारण है कि जब आपातकाल हटा तो भारत के लोगों ने देश की पहली गैर-कांग्रेसी सरकार (केंद्र में) चुनी।’’

अपना निजी अनुभव साझा करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि जब आपातकाल लगाया गया था तब वह सिर्फ 11 वर्ष के थे और गुजरात में उनके गांव के 184 लोगों को गिरफ्तार कर साबरमती जेल में रखा गया था।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश

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