बेंगलुरु, 24 जून (भाषा) कर्नाटक में कागवाड़ क्षेत्र से कांग्रेस विधायक राजू कागे ने मंगलवार को राज्य की कांग्रेस सरकार के प्रति खुले तौर पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायकों और जनता की चिंताओं को सुनने के लिए ज्यादातर मंत्री उपलब्ध नहीं होते हैं।
उन्होंने यह भी दावा किया कि सार्वजनिक कार्यों से संबंधित फाइल आवश्यक कार्रवाई के बिना लंबे समय तक अटकी रहती हैं।
कागे ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार दोनों के प्रति अपनी निराशा व्यक्त की क्योंकि वे उनके मुद्दों को हल करने में विफल रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी मांगें व्यक्तिगत नहीं हैं और संकेत दिया कि अगर उनकी चिंताओं का समाधान नहीं किया गया तो वे अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे।
विधायक ने विकास कार्यों और धन जारी करने में देरी का हवाला देते हुए सोमवार को इस्तीफा देने का संकेत दिया था। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रशासन पूरी तरह से चरमरा गया है।
इन टिप्पणियों ने कांग्रेस सरकार को मुश्किल में डाल दिया है और हाल ही में पार्टी विधायकों से जुड़े विवादों के कारण हुई शर्मिंदगी को और बढ़ा दिया है। अलंद विधायक बी. आर. पाटिल ने हाल ही में सार्वजनिक आवास आवंटन में रिश्वतखोरी का आरोप लगाया और सागर विधायक बेलूर गोपालकृष्ण ने आरोपों को लेकर आवास मंत्री ज़मीर अहमद खान के इस्तीफे की मांग की।
कागे ने पूछा, ‘‘मैं चाहता हूं कि व्यवस्था में सुधार हो। प्रशासन को जोश के साथ काम करना चाहिए और सख्त जवाबदेही लागू करनी चाहिए। मंत्रियों को गलत काम करने वाले अधिकारियों को सजा देनी चाहिए। लेकिन क्या अब ऐसा हो रहा है? जब फाइलें छह महीने से लेकर एक साल तक अटकी रहती हैं तो कौन जिम्मेदार है?’’
भाषा यासिर अविनाश
अविनाश