भुवनेश्वर, 25 जून (भाषा) ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने स्पष्ट किया कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर से मोदक की कोई चोरी नहीं हुई है। इससे पहले सेवायतों के एक वर्ग ने मोदक चोरी होने का आरोप लगाया था।
मोदक एक विशेष प्रकार का लड्डू होता है जिसका रथ यात्रा उत्सव से पहले एक अनुष्ठान के तहत मंदिर के देवताओं को भोग लगाया जाता है।
मंत्री ने मंगलवार को कहा, “श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मंदिर से मोदक की कोई चोरी नहीं हुई है।”
विवाद सामने आने पर पाधी ने एसजेटीए अधिकारियों को जांच का आदेश दिया, जिसमें पाया गया कि मोदक की कोई चोरी नहीं हुई है।
वैद्य सेवकों (आयुर्वेदिक चिकित्सकों) का एक समूह भगवान के ‘अनासर’ काल के दौरान मंदिर में मोदक की आपूर्ति करता है। ऐसा माना जाता है कि ‘अनासर’ काल के दौरान देवता बीमार पड़ जाते हैं।
यह भी माना जाता है कि मोदक खाने के बाद भगवान ठीक हो जाते हैं।
विवाद उस समय शुरू हुआ जब भगवान बलभद्र के ‘बड़ाग्रही’ (अंगरक्षक) हलधर दास महापात्रा ने दावा किया कि कड़ी सुरक्षा में रखे गए 313 ‘मोदकों’ में से 70 गायब हो गए हैं।
माना जाता है कि मोदक चोरी होने से उनकी पवित्रता खत्म हो जाती है।
उन्होंने एसजेटीए में औपचारिक लिखित शिकायत दर्ज कराई।
पत्रकारों से बात करते हुए पाधी ने भी चोरी के आरोपों को खारिज कर दिया।
भाषा जोहेब वैभव
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