नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने 2002 के नीतीश कटारा हत्या मामले में सुखदेव यादव उर्फ पहलवान को बुधवार को तीन महीने का फरलो दिया।
न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन ने कहा कि यादव ने बिना किसी छूट के 20 साल तक लगातार जेल की सजा काटी है।
शीर्ष न्यायालय ने निर्देश दिया कि यादव को सात दिन के भीतर निचली अदालत में पेश किया जाए और उसे फरलो दिए जाने से पहले निचली अदालत उस पर उचित शर्तें लगाए।
फरलो का मतलब जेल से अस्थायी रिहाई है, न कि पूरी सजा का निलंबन या छूट। यह आमतौर पर जेल में लंबे समय से बंद कैदियों को दी जाती है, जिन्होंने अपनी सजा का एक हिस्सा पूरा कर लिया हो।
यादव की याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय के नवंबर 2024 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें तीन सप्ताह के लिए फरलो पर रिहा करने की उसकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
उच्चतम न्यायालय ने तीन अक्टूबर 2016 को कटारा के अपहरण और हत्या के सनसनीखेज मामले में विकास यादव और उसके चचेरे भाई विशाल यादव को उनकी भूमिका के लिए बिना किसी छूट के 25 साल की जेल की सुनायी थी।
इस मामले में सह-आरोपी सुखदेव यादव को 20 साल की सजा सुनायी गयी थी।
उन्हें 16 और 17 फरवरी 2002 की रात को एक शादी समारोह से कटारा के अपहरण और फिर उसकी हत्या करने का दोषी ठहराया गया और जेल की सजा सुनायी गयी थी। उन्होंने विकास की बहन भारती यादव के कटारा से कथित प्रेम संबंधों के कारण इस हत्याकांड को अंजाम दिया था।
भारती उत्तर प्रदेश के नेता डी पी यादव की बेटी है।
निचली अदालत ने कहा था कि विशाल और विकास यादव को भारती के साथ कटारा का रिश्ता मंजूर नहीं था क्योंकि वे अलग-अलग जातियों से थे इसलिए उन्होंने कटारा की हत्या कर दी थी।
भाषा गोला नरेश
नरेश