नागपुर, 25 जून (भाषा) मुंबई उच्च न्यायालय ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग के खिलाफ इस साल मार्च में नागपुर में हुए दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार नौ लोगों को बुधवार को जमानत दे दी।
उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ की न्यायमूर्ति उर्मिला जोशी-फाल्के ने आरोपियों को जमानत देते हुए कहा कि उनकी हिरासत की अब और जरूरत नहीं है।
विस्तृत आदेश की प्रति बाद में उपलब्ध कराई जाएगी।
एक आरोपी की ओर से पेश हुए वकील मोहम्मद आदिल शेख ने तर्क दिया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है और इसलिए आरोपियों को जमानत दी जानी चाहिए।
जिन आरोपियों को जमानत दी गई है उनमें इकबाल अंसारी, एजाज अंसारी, अबसार अंसारी, इजहार अंसारी, अशफाकउल्ला अमीनुल्लाह, मुजम्मिल अंसारी, मोहम्मद राहिल, मोहम्मद यासिर और इफ्तिखार अंसारी शामिल हैं।
छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्ताबाद कस्बे में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के दौरान कुरान की आयतों वाली चादर जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद 17 मार्च को नागपुर के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर पथराव और आगजनी की खबरें आई थीं।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) रैंक के तीन अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी इनमें घायल हो गए थे। दंगों के बाद नागपुर पुलिस ने 19 किशोरों सहित 123 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था।
भाषा वैभव नरेश
नरेश