वेटिकन सिटी, 25 जून (एपी) पोप लियो चौदहवें ने बुधवार को इजराइल-ईरान युद्ध में शामिल पक्षों से ‘‘धमकाने और बदला लेने की मानसिकता को त्यागने” और शांति के लिए संवाद व कूटनीति का मार्ग अपनाने की अपील की। उन्होंने मध्य पूर्व के सभी ईसाइयों के प्रति एकजुटता भी व्यक्त की।
अपने साप्ताहिक संबोधन के दौरान बुधवार को पोप ने कहा कि वह युद्ध के दौरान के हालिया घटनाक्रम पर ‘‘सावधानी और उम्मीद के साथ’’ नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने बाइबिल का उद्धरण देते हुए कहा, ‘‘एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र के खिलाफ तलवार नहीं उठाएगा।’’
इजराइल और ईरान के बीच 12 दिन से जारी लड़ाई युद्धविराम के बाद रुक गई है। इस लड़ाई के दौरान इज़राइल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया जबकि अमेरिका ने हस्तक्षेप करते हुए ईरानी परमाणु स्थलों पर बंकर-भेदी बम गिराए। ईरान लंबे समय से दावा करता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये है।
पोप लियो ने कहा, “आइए हम ईश्वर की आवाज को सुनें। हाल के खूनी घटनाक्रमों से जो घाव बने हैं, उन्हें भरने दें, धमकाने और बदले की हर मानसिकता को त्यागें और पूरी दृढ़ता के साथ संवाद, कूटनीति व शांति के मार्ग पर आगे बढ़ें।”
पोप ने सीरिया के दमिश्क में रविवार को एक गिरजाघर पर हुए हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटता भी व्यक्त की।
एपी शफीक पवनेश
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