ईटानगर, 25 जून (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बुधवार को अतीत से सीख लेने और संविधान की रक्षा के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता को दोहराने के महत्व को रेखांकित किया।
सीमावर्ती जिले तवांग में ‘संविधान हत्या’ दिवस नामक कार्यक्रम के आयोजन का नेतृत्व करते हुए खांडू ने लोगों से नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा करने और राष्ट्र को परिभाषित करने वाले लोकतांत्रिक मूल्यों को संरक्षित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि यह दिन संविधान की रक्षा और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को मजबूत करने की आवश्यकता की याद दिलाता है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘आइए हम अतीत से सीख लें और संविधान की रक्षा, नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा और हमारे महान राष्ट्र को परिभाषित करने वाले लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित करें।’
देश में आपातकाल लागू होने की 50वीं बरसी के अवसर पर खांडू ने यह बात कहीं।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 को देश में आपातकाल लगाया था, जिसे भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे चुनौतीपूर्ण और काले अध्यायों में से एक माना जाता है।
यह कार्यक्रम भाजपा की तवांग जिला इकाई और जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य संवैधानिक अखंडता और लोकतांत्रिक लोकाचार के महत्व का उल्लेख करना था।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष कलिंग मोयोंग, विधायक त्सेरिंग ल्हामू (लुंगला) और नामगे त्सेरिंग (तवांग), पूर्व विधायक त्सेरिंग ताशी, जिला परिषद अध्यक्ष लेकी गोम्बू, एपीएससीडब्ल्यू अध्यक्ष येलम तगा बुरांग, उपायुक्त नामग्याल आंग्मो और पुलिस अधीक्षक डीडब्ल्यू थोंगोन उपस्थित थे।
भाषा योगेश पवनेश
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