नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) सरकार ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं की शुरुआत के बाद से इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा सहित 12 क्षेत्रों को 21,534 करोड़ रुपये का वितरण किया है। बुधवार को जारी आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
सरकार ने 2021 में 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की थी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा, “इनमें से 12 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं के तहत 21,534 करोड़ रुपये की संचयी प्रोत्साहन राशि वितरित की गई है।”
इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, आईटी हार्डवेयर, थोक दवा, चिकित्सा उपकरण, फार्मा, दूरसंचार, खाद्य प्रसंस्करण, बड़े इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, वाहन, विशेष इस्पात, कपड़ा और ड्रोन शामिल हैं।
योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संबंधित मंत्रालयों से निवेश और वितरण, दोनों के संबंध में अगले पांच साल का खाका तैयार करने का निर्देश दिया।
मंत्रालय ने कहा कि इस योजना में 1.76 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिससे 16.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का उत्पादन/बिक्री हुई है और मार्च, 2025 तक 12 लाख से अधिक (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) रोजगार सृजित हुए हैं।
फार्मा क्षेत्र के लिए योजना की प्रगति के बारे में इसमें कहा गया है कि इस क्षेत्र में 2.66 लाख करोड़ रुपये की संचयी बिक्री हुई है, जिसमें योजना के पहले तीन वर्षों में प्राप्त 1.70 लाख करोड़ रुपये का निर्यात भी शामिल है।
मार्च, 2025 तक इस क्षेत्र में कुल घरेलू मूल्य संवर्धन 83.70 प्रतिशत रहा है। थोक दवाओं के क्षेत्र में, इस योजना ने भारत को 2021-22 में शुद्ध आयातक (1,930 करोड़ रुपये) से अब थोक दवाओं का शुद्ध निर्यातक (2,280 करोड़ रुपये) बनने में योगदान दिया है।
इसके अलावा, भारतीय मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) वस्त्रों का निर्यात 2024-25 के दौरान छह अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो 2023-24 के दौरान 5.7 अरब डॉलर था।
भाषा अनुराग अजय
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