शिलांग, 25 जून (भाषा) असम-मेघालय राज्यों की विवादित सीमा के समीप बसे एक गांव में बुधवार को तनाव पैदा हो गया और भीड़ ने कई पौधे उखाड़ दिए एवं पौधों की सुरक्षा के लिए बनाए गए लकड़ी के ढांचे को जला दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
लापांगाप गांव में असम के कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) द्वारा पौधा रोपण अभियान का आयोजन किया गया।
लापांगाप के जिस पहाड़ी इलाके पर यह घटना घटी उस पर मेघालय के पश्चिमी जयंतिया पर्वतीय जिले के निवासी और असम के कार्बी आंगलोंग जिला निवासी अपना-अपना क्षेत्र होने का दावा करते हैं।
मेघालय के विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों के समर्थन से लापांगाप और अन्य गांवों के लगभग 400 लोग पौधरोपण वाले क्षेत्र में पहुंचे। उन्होंने पौधों को उखाड़ दिया और लकड़ी के ढांचे को जला दिया। उनका दावा था कि असम पौधरोपण करके उनके राज्य में अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहा है।
पश्चिमी जयंतिया पर्वतीय जिले के उपायुक्त अभिनव कुमार सिंह ने बताया कि पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थिति अब नियंत्रण में है।
सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘केएएसी द्वारा (पश्चिम जयंतिया पर्वतीय) जिला प्रशासन को पूर्व सूचना दिए बगैर ही पौधा रोपण किया गया।’’
उन्होंने बताया कि पौधा रोपण के बारे में जिला प्रशासन तक एक सप्ताह पहले ही सूचना पहुंच गई थी और आज शांति बैठक होनी थी तथा इसके लिए क्षेत्र के लोगों को उस स्थान पर जाने से रोक दिया गया।
अधिकारी ने बताया कि तहपत गांव में शांति बैठक निर्धारित थी, लेकिन किसी भी व्यक्ति के वहां नहीं पहुंचने के कारण इस बैठक का आयोजन नहीं हो सका।
असम सरकार के साथ प्रभावी समन्वय के लिए तीन सीमा मजिस्ट्रेटों के साथ पर्याप्त पुलिस बल को घटनास्थल पर तैनात किया गया था।
डीसी ने बताया कि सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए बृहस्पतिवार को शांति बैठक आयोजित की जाएगी।
उन्होंने बताया, ‘‘डीसी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) स्तर पर बैठकें हो चुकी हैं और अब हम चाहते हैं कि गांव स्तर पर शांति बैठक हो ताकि दोनों मुखिया और उनकी पंचायत एक साथ बैठकर निष्कर्ष पर पहुंच सकें।’’
प्रभावशाली खासी छात्र संघ (केएसयू) के एक नेता ने कहा कि वे लापांगाप के निवासियों को पूर्ण समर्थन देते हैं तथा आरोप लगाया कि कार्बी आंगलोंग के लोगों ने इस क्षेत्र में अतिक्रमण किया है।
असम और मेघालय के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी अंतरराज्यीय सीमा पर 12 क्षेत्रों में लंबे समय से विवाद है।
मार्च 2022 में दोनों राज्यों ने पहले चरण के दौरान छह क्षेत्रों में मुद्दों को हल करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति में नयी दिल्ली में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
अधिक जटिल मतभेद वाले शेष छह क्षेत्रों में अब दूसरे चरण में वार्ता होनी है।
असम से अलग होने के बाद 1972 में मेघालय को नए राज्य के रूप में स्थापित किया गया था।
भाषा यासिर माधव
माधव