मुंबई, 25 जून (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने बुधवार को दावा किया कि देश में पिछले 11 वर्षों से ‘अघोषित आपातकाल’ लागू है।
सपकाल ने कहा कि 50 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल संवैधानिक था और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर इसे लेकर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया।
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आपातकाल लगाना इसलिए आवश्यक हो गया था क्योंकि कुछ ताकतें अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही थीं।’’
सपकाल ने भाजपा पर आपातकाल का एकतरफा चित्रण करने का आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया कि आपातकाल के दौरान राज्य सरकार द्वारा जारी विज्ञापनों में महाराष्ट्र राज्य के प्रतीक चिह्न के स्थान पर ‘सेंगोल’ लिख दिया गया था और इसे संविधान में बदलाव की साजिश बताया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘‘सरकार ने प्रचार-प्रसार पर करोड़ों रुपए खर्च किए। लेकिन, राज्य सरकार द्वारा अखबार में जारी विज्ञापन में राज्य का प्रतीक चिह्न गायब है और उसकी जगह सेंगोल प्रदर्शित है। यह केवल प्रतीकात्मक नहीं है- यह संविधान को बदलने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।’’
कांग्रेस ने अपनी पार्टी की पत्रिका ‘जनमनसाची शिदोरी’ का आपातकाल विषय पर आधारित विशेष संस्करण जारी किया है। इसमें इंदिरा गांधी, पुपुल जयकर, पत्रकार कुमार केतकर, शिवसेना (उबाठा) के सांसद संजय राउत समेत कई अन्य लोगों के लेख शामिल हैं।
उन्होंने भाजपा पर आपातकाल का ‘एकतरफा’ चित्रण करने का आरोप लगाया और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व प्रमुख बालासाहेब देवरस द्वारा इस कदम का समर्थन करने पर पार्टी की चुप्पी पर सवाल भी खड़े किए।
सपकाल ने सवाल किया, ‘‘इंदिरा गांधी ने आपातकाल हटाया और चुनाव की घोषणा की। उन्होंने देश की संपत्ति कॉरपोरेट को नहीं बेची। पिछले 11 वर्षों से भाजपा के राज में जो अघोषित आपातकाल लागू है, उसका क्या।’’
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने आपातकाल (21 महीने) के दौरान हुयी ज्यादतियों को स्वीकार किया था।
उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व सरसंघचालक बालासाहेब देवरस ने आपातकाल का समर्थन किया था और सार्वजनिक रूप से जेपी आंदोलन से संगठन को दूर रखा था।
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