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Thursday, June 26, 2025

कांग्रेस ने संविधान को कुचला, उसके मूल्यों को दरकिनार किया : सैनी

Newsकांग्रेस ने संविधान को कुचला, उसके मूल्यों को दरकिनार किया : सैनी

चंडीगढ़, 25 जून (भाषा) आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को कांग्रेस पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि पार्टी ने संविधान को कुचला और इसमें निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया।

करनाल में ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने के लिए आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए सैनी ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों से आजादी पाने के लिए अपनी मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।

सैनी ने कहा, ‘‘उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रहें। उन्होंने ऐसे अत्याचारों का सामना किया ताकि आने वाली पीढ़ियां एक स्वतंत्र राष्ट्र में ताजी हवा में सांस ले सकें।’’

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि 25 जून 1975 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा आपातकाल लागू कर दिए जाने से 1975 में स्वतंत्र भारत के बावजूद यहां आजादी का दौर फिर से लौट आया था।

सैनी ने आरोप लगाया, ‘‘अपने हितों के लिए उन्होंने संविधान को कुचल दिया, उसे तोड़-मरोड़ दिया और उसके मूल्यों को दरकिनार कर दिया।’’

कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि आज भी जो नेता संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं और इसे बचाने की बात करते हैं, वे जम्मू कश्मीर में तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 की बहाली का समर्थन करते हैं।

जम्मू कश्मीर से पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया।

सैनी ने दावा किया, ‘‘एक तरफ कांग्रेस संविधान बचाने की बात करती हैं, दूसरी तरफ वे कहते हैं कि अगर वे सत्ता में आए तो वे (जम्मू कश्मीर की) पुरानी स्थिति बहाल करेंगे। यह चौथी पीढ़ी (नेहरू परिवार की) किस संविधान की बात करती है? संविधान तोड़ना उनके डीएनए में है। वे इसकी रक्षा नहीं करते, बल्कि इसे तोड़ते हैं, कुचलते हैं।’’

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 50 साल बाद भी कांग्रेस ने आपातकाल के लिए माफी नहीं मांगी है।

मोदी के नेतृत्व में देश की प्रगति का जिक्र करते हुए सैनी ने कहा, ‘‘कांग्रेस के 55 साल के शासन के मुकाबले पिछले 11 साल को देखिए। लोकतंत्र सिर्फ चुनाव जीतने और सरकार बनाने तक सीमित नहीं है, यह जीवन जीने का तरीका है, एक मूल्य प्रणाली है और इसे समझना महत्वपूर्ण है।’’

भाषा यासिर रंजन

रंजन

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