नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच नवाचार-आधारित सहयोग को बढ़ावा देने और भारतीय ‘स्टार्ट-अप’ के अंतरराष्ट्रीयकरण का समर्थन करने के लिए एक ‘स्टार्ट-अप’ श्रृंखला शुरू की गई है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
बयान के अनुसार, यूएई-भारत सीईपीए परिषद (यूआईसीसी) ने भारत में संयुक्त अरब अमीरात के दूतावास के साथ साझेदारी में यहां आयोजित एक कार्यक्रम में ‘यूएई-भारत सीईपीए स्टार्ट-अप’ श्रृंखला की शुरुआत की। 24 जून के बयान में कहा गया कि यह पहल नवाचार-आधारित सहयोग को बढ़ावा देने और भारतीय ‘स्टार्ट-अप’ के अंतरराष्ट्रीयकरण का समर्थन करने के लिए यूएई-भारत व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के तहत एक प्रमुख प्रतिबद्धता को पूरा करती है।
व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) एक गहन समझौता है जिस पर 18 फरवरी, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के बीच डिजिटल शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। यह समझौता एक मई, 2022 को लागू हुआ।
अपने संबोधन में, भारत में यूएई के राजदूत अब्दुलनासर अलशाली ने उद्यमिता और सीमा-पार नवाचार के लिए यूएई की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
बयान में कहा गया कि यह शुरुआत यूएई और भारत के बीच ‘मजबूत आर्थिक गति’ की अवधि के बीच हुआ है।
इसमें कहा गया कि वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 83.64 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो सीईपीए के लागू होने के बाद से साल-दर-साल लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
बयान के अनुसार, भारत का यूएई को गैर-तेल निर्यात 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया, जबकि भारत में यूएई का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश तीन गुना बढ़ गया जो वित्त वर्ष 2021-22 में 1.03 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 3.35 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। इस प्रकार यूएई भारत में चौथा सबसे बड़ा निवेशक बन गया।
भाषा अविनाश नेत्रपाल
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