नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी दादी एवं भाजपा नेता दिवंगत विजयाराजे सिंधिया और आपातकाल का उल्लेख करते हुए बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधा, जिसको लेकर मुख्य विपक्षी दल ने पलटवार किया और कहा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘‘दुष्प्रचार’’ फैलाते समय अपने पिता माधवराव सिंधिंया को नहीं भूलना चाहिए।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह सवाल भी किया कि क्या सिंधिया ने अपने पिता माधवराव सिंधिया से कभी नहीं पूछा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विरोधी क्यों थे?
संचार मंत्री सिंधिया ने आपातकाल की बरसी के मौके पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विजयराराजे सिंधिया की प्रशंसा किए जाने का एक वीडियो ‘एक्स’ पर साझा किया।
सिंधिया ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मेरी पूज्य आजी अम्मा, श्रद्धेय राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी ने राजपथ को त्याग कर लोकपथ की राह चुनी थी। लोकतंत्र और जनसेवा के प्रति उनकी निष्ठा ने भारतीय राजनीति को नई दिशा दी। आपातकाल के दिनों में भी लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए उन्होंने संघर्ष किया।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उन्हें कई तरह की यातनाएं दी और अत्याचार किए। उनको जेल में भी डाला गया, लेकिन वह न झुकीं, न दबीं और न टूटीं। लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान के सम्मान के लिए वह अडिग रहीं।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘उनके विराट व्यक्तित्व और कृतित्व पर आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचार हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।’’
खेड़ा ने सिंधिया पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘पूज्य पिताजी का भी तो ज़िक्र करिए। कभी महाराज या भाजपा के दुष्प्रचार को फैलाने के लिए उन्हें भुला ही देंगे? दिवंगत माधवराव सिंधिया जी 1980 की इंदिरा सरकार में सांसद बने।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपने कभी अपने पिताजी से नहीं पूछा कि वो संघ के विरोधी क्यों थे? वह आपातकाल के विरोध में संघ का समर्थन क्यों नहीं करते थे?’’
ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले कांग्रेस में थे, लेकिन 2020 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। वर्तमान में वह मोदी सरकार में मंत्री हैं। उनके पिता माधवराव सिंधिया 1980 और 1990 के दशक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शामिल थे। उनकी दादी विजयराजे भाजपा के संस्थापकों में से एक थीं।
भाषा हक
हक माधव
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