(फाइल फोटो सहित)
नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सीबीएसई द्वारा 10वीं कक्षा की परीक्षाएं साल में दो बार कराने के फैसले की बुधवार को सराहना करते हुए इसे ‘‘बहुत जरूरी कदम’’ बताया और कहा कि इससे तनाव कम होगा, अधिक लचीलापन आएगा एवं शिक्षण के आनंदमय माहौल को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने घोषणा की है कि 2026 से कक्षा 10वीं के छात्र एक शैक्षणिक सत्र में दो बार बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे, लेकिन उनके लिए फरवरी में पहले चरण की परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य होगा।
मई में दूसरे चरण की परीक्षा उन छात्रों के लिए वैकल्पिक होगा जो अपना प्रदर्शन सुधारना चाहते हैं। अगर कोई छात्र दोनों चरण की परीक्षा में शामिल होता है, तो दोनों चरण में से सबसे अच्छा स्कोर बरकरार रखा जाएगा।
सीबीएसई ने 10वीं कक्षा के लिए वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के मानदंडों को मंजूरी दे दी है, जिसकी नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में अनुशंसा की गई है।
प्रधान ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘यह सराहनीय और बहुत जरूरी कदम है। इससे परीक्षा का तनाव कम होगा, अधिक लचीलापन मिलेगा और सीखने का आनंदमय माहौल बनेगा। एनईपी 2020 की एक प्रमुख सिफारिश, साल में दो बार परीक्षा छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण है और यह वैश्विक शिक्षा प्रथाओं के भी अनुरूप है।’’
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, यह योग्यता-आधारित मूल्यांकन की दिशा में ऐतिहासिक बदलाव है, जो रटने की तुलना में समझ को अधिक महत्व देता है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘एनईपी के तहत एक बड़ा सुधार छात्रों को विकल्प, आत्मविश्वास और दूसरा मौका देता है, जो आनंददायक जिज्ञासा के आधार पर अधिक समावेशी, शिक्षार्थी-केंद्रित शिक्षा प्रणाली के एनईपी 2020 के दृष्टिकोण को दर्शाता है।’’
भाषा आशीष नेत्रपाल
नेत्रपाल