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Thursday, June 26, 2025

रोहिणी की आग ने पुरानी घटनाओं के जख्मों को हरा कर दिया

Newsरोहिणी की आग ने पुरानी घटनाओं के जख्मों को हरा कर दिया

नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) दिल्ली में आग संबंधी सुरक्षा मानदंडों की अनदेखी कर बिना उचित मंजूरी संचालित की जा रहीं अवैध फैक्ट्रियों में आग की घटनाएं मासूम लोगों की जिंदगियों को लील रही हैं, ताजा घटना रोहिणी इलाके की है।

पुलिस ने बुधवार को बताया कि रोहिणी के रिठाला इलाके में कई विनिर्माण इकाइयों वाली चार मंजिला इमारत में आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए।

राष्ट्रीय राजधानी में पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

पिछले साल फरवरी में बाहरी दिल्ली के अलीपुर इलाके में एक पेंट फैक्टरी में लगी भीषण आग में 11 लोगों की जिंदगी खत्म हो गई थी। इमारत में पहले विस्फोट हुआ, फिर देखते ही देखते आग एक नशा मुक्ति केंद्र, आठ दुकानों समेत आसपास की इमारतों में फैल गई।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने कहा था कि जिस इमारत में आग लगी, उसका इस्तेमाल पेंट ‘मिक्सिंग’ के लिए अवैध रूप से किया जा रहा था।

पश्चिमी दिल्ली के मुंडका इलाके में 13 मई 2022 को बेसमेंट और चार मंजिला वाली एक व्यावसायिक इमारत में भीषण आग लगने से कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई थी।

इसने 2019 की घटना की यादों को भी ताजा कर दिया जब अनाज मंडी में आग लगने से 44 लोगों की जान चली गई थी जो उपहार सिनेमा अग्निकांड के बाद राष्ट्रीय राजधानी में आग की सबसे भीषण घटना थी।

ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार थिएटर में 13 जून 1997 को रिलीज हुई सनी देओल अभिनीत फिल्म ‘बॉर्डर’ दिखाई जा रही थी और कई परिवार वहां मौजूद थे।

लेकिन फिल्म प्रदर्शन की खुशी उस दिन तब मातम में बदल गई जब अपराह्न तीन बजे के शो के दौरान भीषण आग लग गई जिसमें 59 लोगों की जान चली गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए।

जनवरी 2020 में, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के पीरागढ़ी में बैटरी बनाने वाली एक फैक्टरी में आग लगने के कारण विस्फोट होने से एक दमकलकर्मी की मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए।

इमारत से दो केयरटेकर और एक सुरक्षा गार्ड समेत 18 लोगों को बचाया गया था।

नवंबर 2019 में नरेला में जूते-चप्पल बनाने वाली एक फैक्टरी में आग लगने से एक सुरक्षा गार्ड और एक मजदूर की मौत हो गई। आग पर काबू पाने के बाद सुरक्षा गार्ड का शव बरामद कर लिया गया, लेकिन दूसरे व्यक्ति का जला हुआ शव घटना के चार दिन बाद मिला।

बवाना में 2018 में एक पटाखा भंडारण इकाई में भीषण आग लगने से 10 महिलाओं सहित 17 लोगों की जान चली गई थी।

उसी वर्ष नवंबर में, मध्य दिल्ली के करोल बाग में एक फैक्टरी में आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई थी और एक व्यक्ति घायल हुआ था।

भाषा खारी पवनेश

पवनेश

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