नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आने वाले समय में गहन-प्रौद्योगिकी और उन्नत विनिर्माण कंपनी बनने का लक्ष्य रखते हुए कहा है कि उनका समूह हर तीन से पांच साल में कारोबार में पुनर्निवेश करता है।
प्रबंधन परामर्शदाता ‘मैकिन्से एंड कंपनी’ की लीडिंग एशिया सीरीज को दिए एक साक्षात्कार में अंबानी ने कंपनी के भविष्य के बारे में अपना दृष्टिकोण साझा किया।
इस दौरान अंबानी ने कहा कि बाध्य होने से पहले कारोबार में नया निवेश करना, भविष्य पर बड़ा दांव लगाना और दीर्घकालिक प्रभाव पर टिके रहना उनकी कार्यशैली का हिस्सा है।
रिलायंस में पुनर्निवेश का मतलब दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी का निर्माण करना, पूरे भारत में 4जी संपर्क शुरू करना और जियो के जरिये भारत को डिजिटल बनाने के लिए 25 अरब डॉलर का निवेश करना है।
यह समूह अब सौर, बैटरी, हाइड्रोजन और जैव-ऊर्जा को शामिल करते हुए हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा के लिए दुनिया की सबसे बड़ी विनिर्माण पारिस्थितिकी में से एक का निर्माण कर रहा है।
अंबानी ने कहा कि प्रौद्योगिकी परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और अगली पीढ़ी के लिए मुख्य चुनौती इस नई व्यवस्था में सफल होना होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य के व्यवसायों को भविष्य की प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल में कुशल होना होगा। इसलिए, हमारा लक्ष्य हमेशा यही रहा है कि कारोबार का हमारा नजरिया और उद्देश्य प्रभाव-आधारित होना चाहिए।’’
बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी के मुखिया ने कहा, ‘‘यह रिलायंस के डीएनए में है। सही प्रतिभा होने और सही लक्ष्य होने पर हम यह पता लगा लेंगे कि हमें कहां पहुंचना है, हम क्या करना चाहते हैं।’’
उन्होंने रिलायंस समूह के संस्थापक और अपने दिवंगत पिता धीरूभाई अंबानी को याद करते हुए कहा कि भारत को एक समृद्ध राष्ट्र बनाने औऱ सभी देशवासियों को एक बेहतर जीवन में योगदान देना शुरू से ही कंपनी का मकसद था और यह आज भी कायम है।
अंबानी ने कहा, ‘‘हमारी व्यावसायिक रणनीति में बदलाव होता रहता है। आज भी, हम अपने व्यवसाय को हर तीन, चार या पांच साल में नया रूप देते हैं।’’
अंबानी ने कहा कि गहन प्रौद्योगिकी (डीप-टेक) के लिए महत्वाकांक्षा दूरसंचार क्षेत्र में जियो की 5जी सेवाओं की शुरुआत से पैदा हुई थी क्योंकि सेवा से जुड़े हरेक पहलू का निर्माण खुद ही करना था।
उन्होंने कहा, ‘‘अब रिलायंस के लिए बदलाव यह है कि हम एक डीप-टेक और उन्नत विनिर्माण कंपनी बनने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि रिलायंस ने उच्च जोखिम वाले जीपीयू विकास से बचने का रास्ता अपनाकर कृत्रिम मेधा (एआई) क्षेत्र में अपना उद्देश्य निर्धारित किया है और अनुप्रयोगों पर आधारित चीजों के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी।
अंबानी ने अपने पिता के शब्दों को याद करते हुए कहा, ‘‘रिलायंस एक प्रक्रिया है। यह एक संस्था है जो बनी रहनी चाहिए। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि रिलायंस आपके और मेरे बाद भी बनी रहे।’’
रिलायंस इंडस्ट्रीज 2027 में अपनी स्थापना का स्वर्ण जयंती वर्ष मनाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मैं चाहता हूं कि रिलायंस 100 साल पूरे करने के बाद भी भारत और मानवता की सेवा करना जारी रखे। और मुझे विश्वास है कि ऐसा होगा।’’
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