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Thursday, June 26, 2025

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को पसंद है शाहरुख की फिल्म का गीत ‘यूं ही चला चल’

Newsअंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को पसंद है शाहरुख की फिल्म का गीत 'यूं ही चला चल'

नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) अंतरिक्ष के सफर पर रवाना हुए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अभिनेता शाहरुख खान की फिल्म ‘स्वदेस’ का गीत ”यूं ही चला चल रही, कितनी हसीं है ये दुनिया…” काफी पसंद है और वह इसे अंतरिक्ष में भी सुनेंगे।

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुक्ला 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए।

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित वाणिज्यिक मिशन के तहत बुधवार को तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा के लिए रवाना होकर इतिहास रच दिया।

स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट ने दोपहर 12 बजकर एक मिनट पर एक्सिओम मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों के लेकर फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से आईएसएस के लिए उड़ान भरी, जिसका दुनिया भर के लोगों ने स्वागत किया।

फाल्कन-9 रॉकेट के प्रक्षेपित होने से पहले अंतरिक्ष यात्रियों ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दिन के लिए अपनी विशेष रूप से तैयार की गई गीतों की सूची का खुलासा किया।

शुक्ला की संगीत सूची में निर्देशक आशुतोष गोवारिकर की शाहरुख खान अभिनीत फिल्म का यह गीत शामिल था, जो संयोगवश नासा के एक वैज्ञानिक के इर्द-गिर्द केंद्रित है।

इस गीत को जावेद अख्तर ने लिखा है जबकि ए आर रहमान ने इसका संगीत दिया है। कैलाश खेर, हरिहरन और उदित नारायण जैसे लोकप्रिय गायकों ने इसे अपनी आवाज दी है।

लखनऊ में जन्मे शुक्ला, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) की अंतरिक्ष यात्री पूर्व मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन, हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपू एवं पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा हैं, जो भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए मानव अंतरिक्ष यान की ओर ‘‘वापसी’’ को साकार करेगा।

शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए। इससे 41 साल पहले भारत के राकेश शर्मा 1984 में तत्कालीन सोवियत संघ के सैल्यूट-7 अंतरिक्ष स्टेशन के तहत कक्षा में आठ दिन रहे थे।

भाषा रवि कांत रवि कांत माधव

माधव

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