नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलपति मजहर आसिफ और कुलसचिव मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू से मुलाकात की और विश्वविद्यालय को तकनीकी उत्कृष्टता और समावेशी शिक्षा के केंद्र में बदलने के उद्देश्य से कई परियोजनाओं के लिए मंजूरी हासिल की।
विश्वविद्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री रीजीजू के साथ बैठक मंगलवार को हुई। इसमें कहा गया है कि महत्वाकांक्षी अनुसंधान और बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत कार्यान्वित की जाएंगी।
जामिया के मुताबिक, बैठक का मुख्य आकर्षण कई उन्नत प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए हरी झंडी देना था, जो विश्वविद्यालय को उभरती प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी।
इनमें 5जी और उससे आगे के लिए एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला, मशीन लर्निंग-एकीकृत क्लाउड कंप्यूटिंग क्षमताओं के साथ एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता और इंटरनेट ऑफ थिंग्स प्रयोगशाला, और इलेक्ट्रिक वाहनों पर केंद्रित एक अनुसंधान प्रयोगशाला शामिल है।
इसके अलावा, विश्वविद्यालय एक उन्नत डिजिटल गेमिंग लैब, एक रचनात्मक मीडिया और मोबाइल ऐप विकास लैब, और एक उन्नत एक्सआर (एक्सटेंडिड रियलिटी) इमर्सिव मीडिया लैब स्थापित करेगा।
जामिया के सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र में साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण अकादमी की मंजूरी से विश्वविद्यालय की डिजिटल सुरक्षा क्षमताओं को भी मजबूत किया जाएगा।
बैठक के दौरान महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।
इनमें 100 बिस्तरों वाले बालिका छात्रावास का निर्माण और 250 छात्राओं की बैठने की क्षमता वाली वातानुकूलित लाइब्रेरी का निर्माण शामिल है, जिसे जामिया की आवासीय कोचिंग अकादमी के लिए विकसित किया जाएगा।
इसके अलावा, जामिया स्कूलों को आधुनिक बनाने के लिए पीएमजेवीके योजना के तहत के लिए स्मार्ट कक्षाओं के लिए धनराशि प्रदान की गई।
रीजीजू ने विश्वविद्यालय की दूरदर्शी दृष्टि की सराहना की और जामिया को अकादमिक और तकनीकी उत्कृष्टता की ओर ले जाने में विश्वविद्यालय नेतृत्व के प्रयासों की प्रशंसा की।
उन्होंने प्रस्तावित परियोजनाओं के समय पर कार्यान्वयन के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया तथा राष्ट्र निर्माण में ऐसे संस्थानों के महत्व पर बल दिया।
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नोमान माधव
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