(सौम्या शुक्ला)
नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) “मैं बच नहीं पाऊंगा, बेटा। मैं दम घुटने से मर जाऊंगा।” दिल्ली में एक इमारत में आग की घटना के समय एक व्यक्ति ने अपने बेटे को आखिरी बार फोन पर यही बात कही थी।
दिलीप सिंह (62) ने अपने बेटे से आखिरी बार फोन पर 43 सेकंड तक बात की। ये उनके अंतिम शब्द थे और कुछ ही क्षण बाद रोहिणी के रिठाला इलाके में एक इमारत में लगी भीषण आग में कथित तौर पर उनकी मौत हो गई थी।
पुलिस ने बुधवार को बताया कि चार मंजिला इमारत में लगी आग में चार लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। इस इमारत में कई विनिर्माण इकाइयां थीं।
यहां एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों के शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है और डीएनए नमूनों की जांच किए जाने के बाद शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
धरम सिंह (32) का मानना हैं कि उनके पिता दिलीप सिंह भी मृतकों में शामिल हैं। धरम सिंह ने अपने पिता के साथ हुई अंतिम बातचीत को याद किया।
धरम सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मुझे मंगलवार शाम करीब सात बजकर 40 मिनट पर फोन आया। मेरे पिता ने कहा, ‘बेटा, फैक्टरी में आग लग गई है। मुझे नहीं लगता कि मैं बच पाऊंगा।’ मुझे लगा कि यह मामूली आग है और मैंने उन्हें तुरंत इमारत से बाहर जाने को कहा।’’
दिलीप सिंह टिशू पेपर बनाने वाली एक फैक्टरी में सुपरवाइजर के तौर पर काम करते थे और उसी इमारत की चौथी मंजिल पर रहते थे। उनकी पत्नी, 33 वर्षीय बेटी और 29 वर्षीय एक और बेटा उत्तम नगर में रहते हैं।
भाषा यासिर रंजन
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