29.3 C
Jaipur
Thursday, June 26, 2025

लोकतंत्र को जीवित रखने और सशक्त करने के लिए जन-जागरुकता अनिवार्य: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री

Newsलोकतंत्र को जीवित रखने और सशक्त करने के लिए जन-जागरुकता अनिवार्य: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री

रायपुर, 25 जून (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार को कहा कि लोकतंत्र को जीवित रखने और सशक्त करने के लिए जन-जागरुकता और सक्रिय भागीदारी अनिवार्य है।

साय राज्य की राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आपातकाल की 50वीं बरसी के अवसर पर आयोजित ‘संविधान हत्या दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘यह अत्यंत आवश्यक है कि लोकतंत्र की हत्या के उस काले दिन को हमारी भावी पीढ़ी भी जाने, समझे और उससे सीख ले।’’

आपातकाल के दौर को याद करते हुए भावुक हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वह कालखंड मेरे जीवन से गहराई से जुड़ा है। यह मेरे लिए मात्र एक घटना नहीं, बल्कि एक व्यक्तिगत पीड़ा है।’’

मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके बड़े पिताजी दिवंगत नरहरि प्रसाद साय आपातकाल के दौरान 19 माह तक जेल में रहे।

साय ने कहा, ‘‘उस समय लोकतंत्र सेनानियों के घरों की स्थिति अत्यंत दयनीय थी-कई बार घर में चूल्हा तक नहीं जलता था। ऐसे अनेक परिवारों को मैंने स्वयं देखा है। निरंकुश सत्ता ने उस समय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचल दिया था, नागरिक अधिकार छीन लिए गए थे। वास्तव में, वह लोकतंत्र का काला दिन था जिसका दंश हमारे परिवार ने झेला है और जिसे मैंने स्वयं जिया है।’’

कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं और युवाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘संविधान की रक्षा हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। युवाओं से आग्रह है कि वे आपातकाल के इतिहास को जानें, पढ़ें और समझें कि किस प्रकार उस कालखंड में संविधान को कुचला गया। लोकतंत्र को जीवित रखने और सशक्त करने के लिए जन-जागरुकता और सक्रिय भागीदारी अनिवार्य है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ सरकार लोकतंत्र सेनानी परिवारों को सम्मान देने का कार्य कर रही है। इन परिवारों को प्रतिमाह 10 हजार से 25 हजार रुपये तक की सम्मान राशि दी जा रही है। यह उनके संघर्ष और बलिदान को नमन करने का एक विनम्र प्रयास है।’’

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान लोकतंत्र सेनानी परिवारों के सदस्यों से भेंट कर उन्हें सम्मानित किया तथा शॉल, श्रीफल और प्रतीक चिह्न भेंट किए।

उन्होंने बताया कि इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने जन-जागरुकता रैली में भी भाग लिया तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित विशेष प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

अधिकारियों ने बताया कि इस प्रदर्शनी में आपातकाल के दौरान की दमनकारी नीतियों, मानवाधिकारों के उल्लंघन और लोकतंत्र के हनन को चित्रों तथा दस्तावेजों के माध्यम से दर्शाया गया।

मुख्यमंत्री साय ने कहा, ‘‘आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय है, जिसे विस्मृत नहीं किया जाना चाहिए। ऐसी प्रदर्शनी नयी पीढ़ी को लोकतंत्र और संविधान के महत्व को समझाने में सहायक सिद्ध होगी।’’

अधिकारियों ने बताया कि इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह, राज्य के मंत्री, विधायक और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

भाषा संजीव खारी

खारी

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles