देहरादून, 25 जून (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक ऑफ इंडिया में 48 वर्ष पहले हुई 5.69 लाख रुपये की धोखाधड़ी के एक मामले में अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद फरार हुए घोषित अपराधी सतीश कुमार आनंद को गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी।
विज्ञप्ति के अनुसार, सीबीआई ने आनंद को रोहिणी पूर्व से गिरफ्तार किया गया।
विज्ञप्ति में बताया गया कि वर्ष 1977 में हुई धोखाधड़ी के मामले में आरोप था कि तत्कालीन बैंक शाखा प्रबंधक ने बैंक को धोखा देने के लिए आनंद के साथ मिलकर आपराधिक साजिश की थी।
सीबीआई ने बताया कि धोखाधड़ी के हिस्से के रूप में आरोपियों ने बिलों के साथ प्रस्तुत जाली रसीद पर एक निजी कंपनी को ऋण दिया, जिसमें गलत तरीके से माल की आपूर्ति दिखाई गई।
सीबीआई के मुताबिक, इस धोखाधड़ी से बैंक को करीब पांच लाख 69 हजार रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ।
विज्ञप्ति के मुताबिक, सीबीआई ने मामले में पांच मई 1978 को तत्कालीन बैंक शाखा प्रबंधक और आनंद के अलावा अशोक कुमार नाम के एक अन्य व्यक्ति सहित तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
जांच के बाद विशेष सीबीआई न्यायालय में आरोप पत्र दायर किया गया ।
न्यायालय ने 19 जून 1985 को दिए अपने फैसले में बैंक शाखा प्रबंधक को आरोपों से बरी कर दिया लेकिन आनंद और कुमार को दोषी ठहराते हुए पांच वर्ष की सश्रम कैद और 15,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
हालांकि, सजा सुनाए जाने के बाद आनंद फरार हो गया, जिसके बाद अदालत ने 30 नवंबर 2009 को उसे घोषित अपराधी करार दिया।
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