नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उस दौर में वह भी 16 वर्ष की उम्र में जेल गए थे।
मध्य प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान भोपाल में गोलीबारी हुई थी, जिसमें कई लोग मारे गए थे और हजारों लोग गिरफ्तार हुए थे।
चौहान ने यहां मीडिया से कहा, ‘‘संविधान को कुचल दिया गया। पूरा देश एक बड़ी जेल बन गया। और यह सिर्फ इसलिए किया गया ताकि इंदिरा गांधी (प्रधानमंत्री के रूप में) अपनी स्थिति बचा सकें।’’
चौहान ने बताया कि 1975 में जब देश में आपातकाल लागू हुआ उस समय वह किशोर थे और स्कूल पढ़ते थे। वह उस समय भोपाल में किराए के मकान में रहते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘भोपाल में महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने गोलियां चलवाईं, जिससे आठ लोगों की मौत हो गई। इसके बाद मैं जेपी (जयप्रकाश) आंदोलन में शामिल हो गया।’’
चौहान ने बताया कि आपातकाल के खिलाफ पर्चे बांटने में वह सक्रिय रूप से शामिल थे, जिसके कारण पुलिस उनके ठिकाने तक पहुंच गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने रात 11 बजे मेरा दरवाजा खटखटाया। मैं उस समय पढ़ाई कर रहा था। उन्होंने पूछा कि क्या मैं शिवराज सिंह चौहान हूं, मैंने हां में जवाब दिया।’’
चौहान ने बताया कि पुलिस ने उन्हें थप्पड़ मारे, घसीटा और हिरासत में लेकर पीटा।
चौहान ने बताया कि उन पर ऐसे लोगों के नाम बताने का दबाव था जिन्होंने उन्हें पर्चे दिए थे, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
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यासिर माधव
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