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Thursday, June 26, 2025

असम-मेघालय की विवादित सीमा पर तनाव; भीड़ ने पौधे उखाड़े, सुरक्षा ढांचों को तोड़ा

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शिलांग/गुवाहाटी, 25 जून (भाषा) असम-मेघालय राज्यों की विवादित सीमा के समीप बसे एक गांव में बुधवार को तब तनाव पैदा हो गया जब भीड़ ने कई पौधे उखाड़ दिए एवं पौधों की सुरक्षा के लिए बनाए गए लकड़ी के ढांचे को हटा दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पश्चिम कार्बी आंगलोंग ज़िले में एक शिविर को आग लगाए जाने के बाद, असम और मेघालय के ग्रामीणों के बीच झड़प होने लगी। इस दौरान गुस्साए असम के ग्रामीणों को नियंत्रित करने के लिए असम पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया।

लापांगाप गांव में असम की कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) द्वारा पौधा रोपण अभियान का आयोजन किया गया। गांव में पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया।

लापांगाप के जिस पहाड़ी इलाके पर यह घटना घटी उस पर मेघालय के पश्चिमी जयंतिया पर्वतीय जिले के निवासी और असम के कार्बी आंगलोंग जिला निवासी अपना-अपना क्षेत्र होने का दावा करते हैं।

कार्बी आंगलोंग जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ दिन पहले जब पौधे रोपे गए थे, तब से मेघालय की ओर से कुछ उपद्रवियों के नेतृत्व में ग्रामीण इस अभियान का विरोध कर रहे हैं।

मेघालय के विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों के समर्थन से लापांगाप और अन्य गांवों के लगभग 400 लोग पौधारोपण वाले क्षेत्र में पहुंचे। उन्होंने पौधों को उखाड़ दिया और लकड़ी के ढांचे को जला दिया। उनका दावा था कि असम पौधरोपण करके उनके राज्य में अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहा है।

पश्चिमी जयंतिया पर्वतीय जिले के उपायुक्त अभिनव कुमार सिंह ने बताया कि पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थिति अब नियंत्रण में है।

सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘केएएसी द्वारा (पश्चिम जयंतिया पर्वतीय) जिला प्रशासन को पूर्व सूचना दिए बगैर ही पौधारोपण किया गया।’’

उन्होंने बताया कि पौधारोपण के बारे में जिला प्रशासन तक एक सप्ताह पहले ही सूचना पहुंच गई थी और आज शांति बैठक होनी थी तथा इसके लिए क्षेत्र के लोगों को उस स्थान पर जाने से रोक दिया गया।

अधिकारी ने बताया कि तहपत गांव में शांति बैठक निर्धारित थी, लेकिन किसी भी व्यक्ति के वहां नहीं पहुंचने के कारण इस बैठक का आयोजन नहीं हो सका।

दूसरी ओर, पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिला आयुक्त सारंगा पाणि शर्मा ने आरोप लगाया कि मेघालय के ग्रामीणों ने असम में एक राहत शिविर में आग लगा दी, जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘पुलिस ने दोनों पक्षों की भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन जब वे नहीं माने तो उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पुलिस ने रबर की 10 गोलियां भी चलाईं।’

शर्मा, पश्चिम कार्बी आंगलोंग के पुलिस अधीक्षक इंद्रनील बरुआ के साथ स्थिति को नियंत्रित करने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे और पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के अपने समकक्षों के साथ बातचीत की।

कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलीराम रोंगहांग ने आरोप लगाया कि मेघालय के ग्रामीणों ने बागान से चंदन के पौधों को उखाड़ दिया, जो असम की सीमा के अंदर लगभग 1.5 किमी लगाए गए थे।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘यह क्षेत्र स्पष्ट रूप से हमारी तरफ है। हम मेघालय सरकार से बातचीत करेंगे और मामले को यथाशीघ्र सुलझा लेंगे।’

असम और मेघालय के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी अंतरराज्यीय सीमा पर 12 क्षेत्रों में लंबे समय से विवाद है।

मार्च 2022 में दोनों राज्यों ने पहले चरण के दौरान छह क्षेत्रों में मुद्दों को हल करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री की उपस्थिति में नयी दिल्ली में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

अधिक जटिल मतभेद वाले शेष छह क्षेत्रों में अब दूसरे चरण में वार्ता होनी है।

मेघालय को 1972 में असम से अलग करके बनाया गया था।

भाषा नोमान आशीष

आशीष

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