नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) रेलवे में महिला चालकों की ‘‘अमानवीय’’ कार्य स्थिति का आरोप लगाते हुए ‘ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन’ (एआईएलआरएसए) ने उनके लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर अपना विरोध तेज करने का फैसला किया है, जबकि रेल मंत्रालय ने कहा है कि उसने पुरुष और महिला लोको पायलट की कार्य स्थिति में सुधार के लिए हाल में कई निर्णय लिए हैं।
एआईएलआरएसए ने नौ महत्वपूर्ण मांगों की एक सूची तैयार की है, जिनमें ड्यूटी के दौरान शौचालय की सुविधा, गर्भावस्था के दौरान अनिवार्य अवकाश, ‘रनिंग रूम’ में आराम की सुविधा और महिला चालक दल के लिए सभी रेलवे अस्पतालों में स्त्री रोग विशेषज्ञों की व्यवस्था शामिल है।
रेल मंत्रालय ने कहा कि 900 से अधिक इंजनों में मूत्रालय की सुविधा प्रदान की गई है, कार्य वातावरण को बेहतर बनाने के लिए 7,000 से अधिक इंजनों में वातानुकूलन प्रणालियां स्थापित की गई हैं तथा सभी ‘रनिंग रूम’ को वातानुकूलित बनाया गया है।
‘रनिंग रूम’ रेलवे चालक दल, विशेष रूप से लोको पायलट और गार्ड के आराम के लिए प्रदान की जाने वाली सुविधाएं हैं, जो अपने गृह स्टेशन से दूर ड्यूटी पर होते हैं।
एआईएलआरएसए के दक्षिण जोन के महासचिव के पी वर्गीस ने कहा, ‘‘एआईएलआरएसए ने 24 जून, 2025 को तमिलनाडु के इरोड में एक महिला सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें एसोसिएशन के क्षेत्रीय नेताओं के साथ दक्षिणी रेलवे के छह डिवीजन की 25 महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सम्मेलन के दौरान महिला लोको पायलट का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने के एआईएलआरएसए के निर्णय की पुष्टि की गई। इसने अमानवीय कामकाजी माहौल का भी कड़ा विरोध किया।’’
भाषा शफीक अविनाश
अविनाश