इंफाल, 26 जून (भाषा) मणिपुर के एक नागरिक समाज संगठन ने कुकी और मेइती विधायकों से राजनीति से ऊपर उठकर राज्य में जातीय संघर्ष को सुलझाने की जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया।
‘वर्ल्ड मेइती काउंसिल’ नामक संगठन ने स्वीकार किया कि दोनों पक्षों की ओर से गलतियां हुई हैं और उसने सवाल किया कि लोगों को कब तक यह दर्द सहना पड़ेगा।
काउंसिल ने एक बयान में कहा, “मेइती और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष करीब सवा दो वर्ष से जारी है जिसमें अनगिनत लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई, परिवार बिखर गए और समुदाय विभाजित हो गए। कई प्रयासों के बावजूद, केंद्र वांछित समाधान नहीं ला पाया है।”
‘वर्ल्ड मेइती काउंसिल’ ने कुकी और मेइती विधायकों से ‘राजनीति से ऊपर उठकर संकट की जिम्मेदारी लेने’ का आग्रह किया और कहा कि जनता सबसे ज्यादा पीड़ित है।
मेइती संगठन ने कहा, “सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अब हमारे विधायकों की है। आपके पास लोगों का जनादेश है। आपको काम करना चाहिए। मेइती और कुकी विधायकों को एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए, बाहरी हस्तक्षेप का इंतजार नहीं करना चाहिए। आपको नेतृत्व करना चाहिए क्योंकि अगर हमारे निर्वाचित प्रतिनिधि काम नहीं करेंगे, तो कौन करेगा?”
मई 2023 से मेइती और कुकी समूहों के बीच जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हुए हैं।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था।
बयान में बताया गया कि काउंसिल को दृढ़ विश्वास है कि सही दिशा में उठाया गया एक सार्थक कदम सामान्य स्थिति की ओर सफर शुरू कर सकता है।
काउंसिल ने अधिकारियों से इंफाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सभी नागरिकों के लिए खोलने का आग्रह करते हुए कहा कि मेइती समुदाय को ‘समुदाय की परवाह किए बिना, आने वाले सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए’।
भाषा जितेंद्र नरेश
नरेश