नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे एस खेहर एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव वाले विधेयकों का अध्ययन कर रही संसदीय समिति के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखेंगे। एक सूत्र ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सूत्र ने बताया कि संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संसद की संयुक्त समिति की अगली बैठक 11 जुलाई को निर्धारित की गई है, जब समिति के सदस्य दोनों सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीशों के साथ बातचीत करेंगे।
इसके अलावा, वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व राज्यसभा सदस्य ई एम सुदर्शन नचियप्पन, जो कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष भी हैं, और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री तथा कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एम वीरप्पा मोइली भी समिति के समक्ष उपस्थित होंगे।
यह 39 सदस्यीय समिति एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे से संबंधित दो विधेयकों की पड़ताल कर रही है, जिसमें संविधान में संशोधन करने वाला एक विधेयक भी शामिल है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति का कार्यकाल संसद के मानसून सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक बढ़ा दिया गया है।
विधेयक को पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में पेश किये जाने के बाद समिति को भेजा गया था।
सरकार का कहना है कि देश में एक साथ चुनाव कराने से विकास को गति मिलेगी और सरकारी व्यय में कमी आएगी क्योंकि बार-बार चुनाव होने से विकास कार्य बाधित होते हैं।
विपक्षी दलों ने इस विचार को ‘असंवैधानिक’ और संघवाद के विरुद्ध बताया है।
भाषा वैभव नरेश
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