बेंगलुरु, 26 जून (भाषा) भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू का कहना है कि महिला एकल बैडमिंटन में आक्रामक रैलियों की जगह अब कोर्ट पर ताकत की परीक्षा होने लगी है जिससे वह इस चुनौतीपूर्ण दौर में बदलती लय के साथ तालमेल बिठाने के लिए अपने खेल में बदलाव कर रही हैं।
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता के लिए यह साल आदर्श नहीं रहा है क्योंकि वह इसमें चार बार पहले दौर से बाहर हो चुकी हैं जबकि तीन बार दूसरे दौर में हार का सामना कर चुकी हैं। वह बस जनवरी में इंडिया ओपन में क्वार्टरफाइनल में जगह बना सकीं।
यहां चुनिंदा पत्रकारों से बात करते हुए सिंधू ने कहा, ‘‘महिला एकल स्पर्धा पूरी तरह बदल गई है। शुरू में इसमें आक्रामकता और तेज रैलियां होती थीं लेकिन अब लंबी रैलियों से लंबे मैच के कारण खेल रक्षात्मक हो गया है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर काम कर रहे हैं, विशेषकर रैलियों को जारी खने और शटल को कोर्ट में लंबे समय तक बनाए रखने में अधिक सयंमित हो गए हैं। हमें खेल के बदलने के साथ हर बार बदलाव करने होते हैं। ’’
सिंधू ने कहा, ‘‘बतौर खिलाड़ी मैं अपने खेल में बदलाव कर रही हूं, इसमें समय लग सकता है लेकिन हर दफा ऐसा करना महत्वपूर्ण है। ’’
भाषा नमिता मोना
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