(तस्वीरों के साथ)
शिमला/धर्मशाला, 26 जून (भाषा) हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बुधवार को अचानक आई बाढ़ से प्रभावित एक जलविद्युत परियोजना स्थल से दो और शव बरामद होने के साथ ही मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
कांगड़ा की अतिरिक्त उप मजिस्ट्रेट शिल्पा बेक्टा ने बताया कि बुधवार को दो शव बरामद किए गए, जबकि बृहस्पतिवार को दो और शव बरामद हुए।
कांगड़ा की पुलिस अधीक्षक (एसपी) शालिनी अग्निहोत्री ने बृहस्पतिवार को बताया कि मृतकों की पहचान जम्मू-कश्मीर निवासी चैन सिंह, चंबा निवासी आदित्य ठाकुर और उत्तर प्रदेश निवासी प्रदीप वर्मा और चंदन के रूप में हुई है।
कांगड़ा और कुल्लू जिलों में बुधवार को बादल फटने से आई बाढ़ के बाद से लापता सात लोगों की तलाश के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है।
परियोजना स्थल के निकट जंगल से बचाए गए चंबा जिले के लवली ने बताया कि शिविर में 13 लोग थे, जिनमें से पांच लोग पहाड़ियों की ओर भाग गए, जबकि शेष लोग तेज बहाव में बह गए।
एक मजदूर दया किशन ने कहा, ‘हमने बाढ़ को आते देखा और सुरक्षित स्थान पर भागने से पहले नीचे के लोगों को सचेत करने के लिए चिल्लाए।’
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कमांडेंट बलजिंदर सिंह ने कहा कि वे उन लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जिनके बाढ़ के दौरान परियोजना स्थल से बह जाने की आशंका है।
कुल्लू जिले के रेहला बिहाल में तीन और लोगों का अब तक पता नहीं चल पाया है।
कांगड़ा जिले के मनुनी खड्ड में इंदिरा प्रियदर्शिनी जलविद्युत परियोजना स्थल के पास एक श्रमिक कॉलोनी में रह रहे लगभग 15-20 श्रमिकों के खनियारा मनुनी खड्ड में जल स्तर बढ़ने के कारण बह जाने की आशंका है। वहां पर अचानक बाढ़ आने से दो लोगों की मौत हो गयी।
कुछ लापता व्यक्तियों को बचा लिया गया है, लेकिन प्राधिकारियों ने बचाये गये लोगों की वास्तविक संख्या स्पष्ट नहीं की है।
एनडीआरएफ के सिंह ने कहा कि एनडीआरएफ, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस और होमगार्ड की संयुक्त टीमें काम पर हैं, हालांकि दुर्गम क्षेत्र और खराब मौसम ने खोज अभियान को कठिन बना दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य व्यक्ति को भी ढूंढ लिया गया है। वह बाढ़ के दौरान खुद को बचाने के लिए पास की पहाड़ी पर भाग गया था।
उन्होंने बताया कि लापता लोगों में कुछ हिमाचल प्रदेश के नूरपुर और चंबा क्षेत्र के हैं, जबकि अन्य उत्तर प्रदेश के हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मनुनी खड्ड में अचानक जल प्रवाह बढ़ने के कारण बहे श्रमिकों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की है।
उन्होंने यहां एक बयान जारी कर कहा, ‘‘संकट की इस घड़ी में भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता देवभूमि के नागरिकों की हरसंभव मदद के लिए तैयार है। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिवारों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।’’
धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा बृहस्पतिवार को घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि परियोजना स्थल उनके गांव से एक किलोमीटर दूर है। उन्होंने कहा कि उन्हें बुधवार को सूचना मिली थी कि जल स्तर बढ़ गया है और 15-20 लोग बह गए हैं।
शर्मा ने कहा कि नाले के पास मजदूरों के लिए शेड बनाना तथा मौसम की दृष्टि से असुरक्षित क्षेत्र होने पर भी उन्हें वहां नहीं ले जाना लापरवाही है तथा इसकी जांच होनी चाहिए।
श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाने के अलावा शर्मा ने ठेकेदार और परियोजना अधिकारियों की ओर से लापरवाही पर भी गंभीर चिंता जताई।
उन्होंने यह भी दावा किया कि जान-माल की वास्तविक क्षति बताई गई संख्या से कहीं अधिक है तथा केवल श्रम ठेकेदार ही लापता मजदूरों की संख्या के बारे में सटीक जानकारी दे सकता है।
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि बुधवार रात तक लगभग 250-275 श्रमिक स्थल पर मौजूद थे और सभी को खनियारा स्थित आंबेडकर भवन में अस्थायी आश्रय प्रदान किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण परियोजना का काम रोक दिया गया था और श्रमिक स्थल के पास अस्थायी आश्रय गृहों में आराम कर थे, तभी मनुनी खड्ड और आसपास के नालों से बाढ़ का पानी उनकी ओर मुड़ गया और कई लोगों को बहा ले गया।
अधिकारियों ने बताया कि कुल्लू जिले के रेहला बिहाल में बाढ़ में बह गए 14 वर्षीय किशोर सहित तीन लोग अब भी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है।
उपायुक्त तोरुल एस रवेश ने कहा कि एनडीआरएफ कुल्लू में बचाव अभियान में शामिल हो गई है। उन्होंने पर्यटकों को निचले इलाकों और नदी-घाटों में जाने से बचने की सलाह दी है।
जिले के मनाली और बंजार से भी अचानक बाढ़ आने की खबरें आईं।
भारी बारिश से कुल्लू के बंजार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सैंज, गड़सा और होरनगाड़ क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है।
भाषा
नोमान माधव
माधव