(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत अगले छह से सात साल में ऊर्जा का शुद्ध निर्यातक बन जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, “आज हम ऊर्जा के आयातक हैं, लेकिन छह से सात साल के भीतर हम ऊर्जा के निर्यातक बन जाएंगे।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। उन्होंने कहा कि सरकार एथनॉल, बायोडीजल, इलेक्ट्रिक वाहन और हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन और जैव ईंधन को प्रोत्साहित कर रही है।
गडकरी ने कहा कि ईंधन बदलने से न केवल प्रदूषण कम होगा बल्कि लॉजिस्टिक लागत भी कम होगी। उन्होंने कहा कि नई सड़कें बनाने और ईंधन में बदलाव से हमारी लॉजिस्टिक लागत एकल अंक में होगी और चालू वर्ष के अंत तक घटकर नौ प्रतिशत तक आ जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि नई सड़कें बनाने और ईंधन में बदलाव से आपकी लॉजिस्टिक्स लागत एकल अंक में यानी नौ प्रतिशत पर आ जाएगी और यह इस साल के अंत तक होगा।”
मंत्री ने कहा कि नवीनतम सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारत की लॉजिस्टिक लागत में छह प्रतिशत की कमी आई है।
गडकरी ने कहा, “आज दुनिया में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में चीन में लॉजिस्टिक लागत आठ प्रतिशत है, अमेरिका और यूरोपीय देशों में यह 12 प्रतिशत है और भारत में यह 16 प्रतिशत है, लेकिन अब चीजें तेजी से आगे बढ़ रही हैं।”
मंत्री ने वैकल्पिक ईंधन या जैव ईंधन अपनाने की भी अपील की और कहा कि यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य है।
गडकरी ने कहा, “भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। हमें अपना निर्यात बढ़ाने की जरूरत है और इस कारण से हमें कच्चे माल की लागत को कम करना होगा।’’
भाषा अनुराग अजय
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