भोपाल, 26 जून (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बृहस्पतिवार को लोकतंत्र सेनानियों के परिजनों को सभी शासकीय योजनाओं में प्राथमिकता दिए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार उनके कल्याण में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
यादव ने यहां अपने आवास पर लोकतंत्र सेनानियों के प्रादेशिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेशवासियों के जीवन में उजाला लाने के लिए सरकार नित नयी योजनाएं लेकर आ रही हैं। पात्र होने पर लोकतंत्र सेनानियों के परिजनों को भी इन सभी शासकीय योजनाओं में प्राथमिकता के अनुरूप लाभ दिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार लोकतंत्र सेनानियों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।’’
मुख्यमंत्री ने कहा है कि लोकतंत्र भारतीय सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न अंग है और यह केवल एक शासन प्रणाली नहीं, बल्कि हमारी जीवनशैली की आत्मा और पहचान है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र भारतीय जनमानस में पुराकाल से रचा-बसा है और इसकी जड़ें हमारी परंपराओं में गहराई तक फैली हुई हैं।
यादव ने इस अवसर पर लोकतंत्र की मजबूती में लोकतंत्र सेनानियों के अमूल्य योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हमारा वर्तमान लोकतंत्र उनके अनथक संघर्ष और बलिदान का ही परिणाम है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम एक मजबूत और जवाबदेह लोकतांत्रिक व्यवस्था में जीवन व्यतीत कर रहे हैं, इसके मूल में लोकतंत्र सेनानी ही हैं।’’
आपातकाल के खिलाफ संघर्ष करने वालों को लोकतंत्र सेनानी कहा जाता है।
लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने वाली ताकतों से मिलकर लड़ने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि अब 70 साल से अधिक आयु के सभी लोकतंत्र सेनानियों को आयुष्मान कार्ड के माध्यम से नि:शुल्क इलाज और आवश्यकता पड़ने पर पीएम एयर एम्बुलेंस की सुविधा भी दी जाएगी।
बाद में मुख्यमंत्री ने एक मीडिया समूह की ओर से आयोजित किए गए कार्यक्रम में भी आपातकाल का जिक्र कर कांग्रेस को घेरा।
उन्होंने कहा, ‘‘आपातकाल हमारे लोकतंत्र पर एक गहरा आघात था। वो संविधान और लोकतंत्र की हत्या थी। वो देश के लोकतंत्र का एक ऐसा काला अध्याय था, जिसे देश कभी नहीं भूल पाएगा।’’
यादव ने कहा कि नयी पीढ़ी को उस दौर में हुई तानाशाही के बारे में बताना जरूरी है और यही कारण है कि 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में याद किया जा रहा है।
भारत में 25 जून 1975 की रात को आपातकाल लगाने की घोषणा की गई थी, जिसके तहत नागरिक स्वतंत्रता को निलंबित कर दिया गया था और प्रेस पर कई प्रतिबंध लागू किए गए थे।
उस समय केंद्र में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। आपातकाल को 21 मार्च 1977 को हटा लिया गया था।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री यादव ने बीते 18 माह में जनकल्याणकारी योजनाओं और नवाचारों के जरिए राज्य सरकार द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों पर चर्चा की और कहा कि वह मध्यप्रदेश को आर्थिक रूप से सम्पन्न बना रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मध्यप्रदेश की आत्मनिर्भरता देखिए कि दिल्ली मेट्रो हमारी बिजली से चल रही है।’’
भाषा
ब्रजेन्द्र, रवि कांत
रवि कांत