नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) कांग्रेस ने बिहार और कुछ अन्य राज्यों में मतदाता सूची के ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ के निर्णय का बृहस्पतिवार को विरोध किया और कहा कि इससे सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके बड़ी संख्या में मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखे जाने का खतरा है।
पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं और विशेषज्ञों के विशेषाधिकार प्राप्त समूह ‘ईगल’ ने एक बयान में यह भी कहा कि आयोग ने खुद माना है कि मतदाता सूची में सबकुछ ठीक नहीं है, लेकिन गहन पुनरीक्षण व्यवस्था लागू करना समस्या का सामधान नहीं, बल्कि समस्या को और जटिल बनाने वाला है।
बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का निर्देश जारी किया है। इसके तहत अमान्य नामों को हटाते हुए सभी पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल किया जा सकेगा।
निर्वाचन आयोग पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मदद के लिए मतदाताओं के आंकड़ों में हेराफेरी करने के विपक्षी दलों के आरोपों के बीच इस प्रक्रिया से मतदाता सूची में मतदाताओं के नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता आएगी।
बिहार के लिए अंतिम गहन पुनरीक्षण 2003 में किया गया था।
‘ईगल’ ने एक बयान में कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने अगले कुछ महीनों में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) करने के लिए 24 जून 2025 को एक अधिसूचना जारी की…सरल शब्दों में कहें तो आयोग वर्तमान मतदाता सूची को पूरी तरह से खारिज करना चाहता है और राज्य के लिए एक नई मतदाता सूची बनाना चाहता है।’’
उसने कहा, ‘‘यह आयोग द्वारा स्पष्ट स्वीकारोक्ति है कि भारत की मतदाता सूची में सब कुछ ठीक नहीं है। ठीक यही बात कांग्रेस पार्टी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी बार-बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सबूत के साथ इशारा करते रहे हैं।’’
कांग्रेस ने दावा किया कि इस समस्या के समाधान की आड़ में लाया गया ‘एसआईआर’ संदिग्ध विचार है, जिससे केंद्र और राज्य सरकार के लाखों अधिकारी अब यह नियंत्रित और निर्देशित करेंगे कि किसके पास सही दस्तावेज़ हैं और किसके पास नहीं।
उसने कहा कि इससे सरकारी मशीनरी की शक्ति का उपयोग करके मतदाताओं के जानबूझकर चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखने का खतरा है।
‘ईगल’ ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी बिहार राज्य चुनावों और उसके बाद अन्य राज्यों में चुनाव आयोग के एसआईआर प्रस्ताव का दृढ़ता से विरोध करती है।’’
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