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Friday, June 27, 2025

शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष यात्रा करने वाले 634वें अंतरिक्ष यात्री बने

Newsशुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष यात्रा करने वाले 634वें अंतरिक्ष यात्री बने

नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) भारत के शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले 634वें अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं। वह 28 घंटे की यात्रा के बाद बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में दाखिल हुए।

शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों का अंतरिक्ष स्टेशन पर एक्सपीडिशन 73 के सदस्यों ने गर्मजोशी से गले मिलकर और हाथ मिलाकर औपचारिक स्वागत किया।

एक्सिओम मिशन की कमांडर पैगी व्हिटसन ने शुक्ला, पोलिश अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू को अंतरिक्ष यात्री ‘पिन’ प्रदान किए, जिन्होंने अंतरिक्ष में अपनी पहली यात्रा की।

अंतरिक्ष स्टेशन पर औपचारिक स्वागत समारोह में संक्षिप्त टिप्पणी में शुक्ला ने कहा, ‘‘मैं 634वां अंतरिक्ष यात्री हूं। यहां आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपके प्यार और आशीर्वाद से मैं अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंच गया हूं। यहां खड़ा होना आसान लग रहा है, लेकिन मेरा सिर थोड़ा भारी है, कुछ कठिनाई हो रही है; लेकिन ये छोटी-मोटी बातें हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसकी आदत हो जाएगी। यह इस यात्रा का पहला कदम है।’’ शुक्ला ने कहा कि अगले 14 दिनों में वह और अन्य अंतरिक्ष यात्री वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे और पृथ्वी पर लोगों से बातचीत करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा का भी एक चरण है। मैं आपसे बात करता रहूंगा। आइए इस यात्रा को रोमांचक बनाएं। मैं तिरंगा साथ लाया हूं और आप सभी को भी अपने साथ लेकर चल रहा हूं। अगले 14 दिन रोमांचक होंगे।’’

शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन तक की यात्रा अद्भुत और शानदार थी तथा वे कक्षीय प्रयोगशाला के चालक दल द्वारा किए गए स्वागत से अभिभूत हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस क्षण मैंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश किया और इस चालक दल से मिला, आपने मुझे इतना सम्मानित महसूस कराया, मानो आपने सचमुच अपने घर के दरवाज़े हमारे लिए खोल दिए हों।’’

शुक्ला ने कहा, ‘‘यह शानदार था। अब मैं और भी बेहतर महसूस कर रहा हूं। यहां आने से मेरी जो भी अपेक्षाएं थीं, वे दृश्य से कहीं बढ़कर हैं। इसलिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मुझे पूरा विश्वास है कि अगले 14 दिन अद्भुत होने जा रहे हैं, विज्ञान और अनुसंधान को आगे बढ़ाएंगे, और साथ मिलकर काम करेंगे।’’

भाषा आशीष माधव

माधव

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