नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) कांग्रेस द्वारा निर्वाचन आयोग (ईसी) से महाराष्ट्र मतदाता सूची की ‘मशीन-रीडेबल’ डिजिटल प्रति उपलब्ध कराने का आग्रह करने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने कहा कि मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत यह मांग ‘तर्कसंगत’ नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी की इसी तरह की एक याचिका को 2019 में उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले सात महीनों से मतदाता सूची की ‘मशीन-रीडेबल’ डिजिटल प्रति की मांग कर रहे हैं और कांग्रेस की ये मांग नई नहीं है।
आयोग के एक सूत्र ने कहा, ‘‘यह राजनीतिक पार्टी द्वारा आठ वर्षों से अधिक समय से अपनाई जा रही रणनीति का हिस्सा है।’’
सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा दोहराई गई मांग, हालांकि कांग्रेस द्वारा ऐतिहासिक रूप से अपनाए गए रुख के अनुरूप है, लेकिन यह ‘‘मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत तर्कसंगत नहीं है।’’
उन्होंने बताया कि यह मुद्दा 2018 में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा दायर एक रिट याचिका में उच्चतम न्यायालय के समक्ष पहले ही उठाया जा चुका है।
सूत्रों ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी को न्यायिक मामले के अंतिम निष्कर्ष के बारे में उचित रूप से अवगत नहीं कराया गया है।
कांग्रेस ने बुधवार को निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि वह एक सप्ताह के भीतर पिछले साल के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से संबंधित डिजिटल मतदाता सूची और मतदान वाले दिन का सीसीटीवी फुटेज प्रदान करे।
उसने हरियाणा विधानसभा चुनाव के मतदान के दिन का सीसीटीवी फुटेज भी मांगा था।
कांग्रेस और गांधी ने बार-बार निर्वाचन आयोग पर भाजपा की मदद के लिए मतदाता आंकड़ों में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है।
भाषा शफीक सुरेश
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