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Friday, June 27, 2025

हमारी पीढ़ी को समझना चाहिए कि आज सिर्फ कलाकार होना ही काफी नहीं है: मामे खान

Newsहमारी पीढ़ी को समझना चाहिए कि आज सिर्फ कलाकार होना ही काफी नहीं है: मामे खान

(मनीष सैन)

नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) गायक-संगीतकार शंकर महादेवन ने मुंबई में साल 2005 में अभिनेत्री इशिता अरुण की शादी में एक ‘दुबले-पतले लड़के’ को देखा, जो सहजता से राजस्थानी लोकगीत गा रहा था, जिसने गुलाम अली जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों को भी प्रभावित किया।

संयोगवश हुई मुलाकात के कारण राजस्थानी लोकसंगीत की सनसनी मामे खान सुर्खियों में आ गए।

खान ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक ऑनलाइन साक्षात्कार में महादेवन के साथ अपनी मुलाकात और जैसलमेर के सत्तो गांव से अपनी यात्रा को याद किया और बताया कि उनके जैसे कलाकारों के लिए ‘सोशल मीडिया, वितरण और संगीत लेबल’ को समझना क्यों महत्वपूर्ण है।

खान ने कहा, ‘जब मैंने गाना गाया तो गुलाम अली साहब मेरे पास आए और मुझे गले लगाया- मैं इसे कभी नहीं भूलूंगा। उस दिन शंकर जी ने मुझे सुना। शादी के बाद शंकर जी ने इला जी से पूछा, ‘वह दुबला-पतला लड़का कौन गा रहा था?’ वह मैं ही था।’

हालांकि वह भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के साथ 2000 के शुरुआती वर्षों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजस्थानी लोक संगीत प्रस्तुतियों में नियमित रूप से हिस्सा लेने लगे थे, फिर भी मुख्यधारा में उनकी आवाज़ ज़्यादा जानी-पहचानी नहीं थी।

शादी समारोह में हुई मुलाकात के बाद महादेवन ने खान को जोया अख्तर की फिल्म ‘लक बाय चांस’ का ‘बावरे’ गाना गाने के लिए आमंत्रित किया।

गायक ने कहा, ‘मुझे नहीं पता था कि यह (मुलाकात) किसी फिल्म के लिए थी। हम पूरी तरह से पारंपरिक पोशाक-पगड़ी और धोती पहनकर गए थे। शंकर-एहसान-लॉय हमारे सामने बैठे थे और हमने गाना शुरू कर दिया।’ उन्होंने कहा कि संगीतकार इतने मग्न थे कि वे मुलाकात का वास्तविक उद्देश्य ही भूल गए।

खान ने कहा, ‘फिर अचानक लॉय ने शंकर को याद दिलाया, ‘हमने उन्हें रिकॉर्डिंग के लिए बुलाया है!’ और इस तरह मैंने अपनी पहली पेशेवर स्टूडियो रिकॉर्डिंग की। वह गाना बहुत हिट हुआ। मैं इसके लिए शंकर-एहसान-लॉय का शुक्रगुजार हूं।’

‘बावरे’ के बाद खान ने ‘आई एम’ और ‘नो वन किल्ड जेसिका’ जैसी फिल्मों के लिए गाने गाए, लेकिन जयपुर में नए साल की पार्टी के दौरान अमित त्रिवेदी से हुई मुलाकात के बाद वह सुर्खियों में आए।

पार्टी में ‘बावरे’ सुनने के बाद त्रिवेदी ने गायक से कहा, ‘खान साहब, हमें जल्द ही साथ मिलकर काम करना चाहिए।”

खान ने कहा, ‘‘फिर ‘चौधरी’ (गाना) आया।’’

कोक स्टूडियो सीजन 2 के ब्लॉकबस्टर गाने ने खान को रातोंरात सोशल मीडिया पर सेलिब्रिटी बना दिया।

दृश्यों के महत्व के बारे में बात करते हुए 47 वर्षीय खान ने कहा कि युवा पीढ़ी के कलाकारों के लिए यह जरूरी हो गया है कि उन्हें सुनने के साथ-साथ देखा भी जाए।

उन्होंने कहा, ‘आज के समय में सिर्फ कलाकार होना ही काफी नहीं है। आपको सोशल मीडिया, वितरण, संगीत लेबल को समझना चाहिए। आज मैं ‘ग्लोबल म्यूज़िक जंक्शन’ और ‘वार्नर म्यूज़िक इंडिया’ के साथ काम करता हूं। क्यों? क्योंकि अगर मेरा गाना 100 लोगों तक पहुंचता था, तो अब मैं चाहता हूं कि यह कम से कम एक लाख लोगों तक पहुंचे। हमारी पीढ़ी को यह समझना चाहिए कि सिर्फ कलाकार होना ही काफी नहीं है – आपको यह ज्ञान भी चाहिए।’

भाषा

नोमान माधव

माधव

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