नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) और उच्चतम न्यायालय की मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) लंबित मामलों के निपटारे के लिए एक जुलाई से 90 दिनों का ‘राष्ट्र के लिए’ मध्यस्थता अभियान चलाएंगे।
समूचे भारत भारत में चलने वाला यह मध्यस्थता अभियान 30 सितंबर 2025 तक जारी रहेगा।
नालसा की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘मध्यस्थता ‘राष्ट्र के लिए’ अभियान पूरे भारत में शुरू किया जा रहा है, ताकि लंबित मामलों का निपटारा किया जा सके और लोगों को यह विश्वास दिलाया जा सके कि विवाद समाधान के लिए मध्यस्थता एक ऐसा तंत्र है जो लोगों के लिए अनुकूल है, लागत प्रभावी है और त्वरित है, तथा इससे रिश्तों, समय और धन की बचत होती है।’
इस अभियान का उद्देश्य तालुका अदालतों से लेकर उच्च न्यायालयों तक में लंबित मामलों का उचित निपटारा करना और देश के ‘हर कोने में मध्यस्थता’ पहुंचाना है।
मध्यस्थता के लिए पात्र लंबित मामलों में वैवाहिक विवाद, दुर्घटना दावे, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, वाणिज्यिक विवाद, सेवा मामले, समझौतायोग्य आपराधिक मामले, उपभोक्ता विवाद और बेदखली से जुड़े मामले शामिल हैं।
भाषा नोमान माधव
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