नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में तेज वृद्धि पर चिंता जताई है। सीटीआई ने सरकार से मध्यम वर्ग और छोटे व्यापारियों को राहत प्रदान करने के लिए इस दिशा में तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे में सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो घरेलू बजट पर एक दबाव बढ़ाता है। इसके चलते बहुत से लोगों को अपनी ‘पॉलिसी’ को बीच में छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि प्रीमियम की बढ़ती लागत मध्यम वर्ग, विशेष रूप से छोटे व्यापारियों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रही है।
गोयल ने कहा, ‘‘कई परिवार बीमा लागत में वृद्धि का बोझ उठाने में असमर्थ हैं और उन्हें अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।’’
सीटीआई ने वित्त मंत्रालय से आग्रह किया है कि वे प्रीमियम वृद्धि को विनियमित करने और एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करे, क्योंकि विभिन्न बीमा कंपनियां मनमाने ढंग से प्रीमियम बढ़ा रही हैं, जिससे पॉलिसीधारकों के बीच भ्रम और संकट पैदा हो रहा है।
गोयल ने यह भी दावा किया कि बीमा कंपनियों की निगरानी करने के बावजूद भारत के बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) की भूमिका प्रभावी नहीं रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘इरडा को नीति और प्रीमियम नियमों की देखरेख करने के लिए बनाया गया था, लेकिन इसका प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं है।’’
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