(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) देश के कई हिस्सों में मानसून के रफ्तार पकड़ने के बीच बृहस्पतिवार को हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचा दी, जिससे पुल, सड़कें और मकान बह गए तथा कम से कम सात लोगों की मौत हो गई।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने केरल के तीन जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है, जहां भारी बारिश के कारण कई निचले इलाके जलमग्न हो गए। साथ ही अगले 24 घंटों में मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में भी भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और कुल्लू जिलों में बुधवार को बादल फटने, अचानक बाढ़ और भारी बारिश ने कहर बरपाया। कांगड़ा जिले में बुधवार को अचानक आई बाढ़ से प्रभावित इंदिरा प्रियदर्शिनी जलविद्युत परियोजना स्थल से दो और शव बरामद होने के साथ ही मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है।
कांगड़ा की पुलिस अधीक्षक (एसपी) शालिनी अग्निहोत्री ने बृहस्पतिवार को बताया कि मृतकों की पहचान जम्मू-कश्मीर निवासी चैन सिंह, चंबा निवासी आदित्य ठाकुर और उत्तर प्रदेश निवासी प्रदीप वर्मा और चंदन के रूप में हुई है।
इस घटना में लापता कुछ व्यक्तियों को बचा लिया गया है, लेकिन अधिकारियों ने बचाए गए या लापता लोगों की सही संख्या स्पष्ट नहीं की है।
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार रात तक 250-275 श्रमिक स्थल पर मौजूद थे और सभी को खनियारा स्थित आंबेडकर भवन में अस्थायी आश्रय प्रदान किया गया है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कमांडेंट बलजिंदर सिंह ने कहा कि वे उन लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जिनके बाढ़ के दौरान परियोजना स्थल से बह जाने की आशंका है।
हिमाचल प्रदेश के मनाली और बंजार से भी अचानक बाढ़ की खबरें हैं। भारी बारिश के कारण सैंज, गड़सा और कई अन्य इलाकों में भारी नुकसान हुआ है।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी, पुंछ, डोडा और कठुआ जिले के विभिन्न इलाकों में बृहस्पतिवार को बादल फटने और भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में दो बच्चों समेत तीन लोगों की मौत हो गई जबकि चार अन्य लोगों को बचा लिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि राजौरी के कालाकोट उपमंडल के सियालसुई मौ गांव में एक नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण शकफत अली (14) और उसकी चचेरी बहन सफीना कौसर (11) डूब गए।
अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ में फंसी साइमा (10) को स्थानीय स्वयंसेवकों ने बचा लिया और अस्पताल में भर्ती कराया। उन्होंने बताया कि बच्चे मवेशी चरा रहे थे कि तभी बादल फटने के कारण आई बाढ़ में वे बह गए।
उन्होंने बताया कि दुनाडी गांव निवासी बशारत हुसैन (32) का शव राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की एक बचाव टीम ने डोडा में लोपा नदी से निकाला। अधिकारी ने बताया कि 23 जून को नदी में नहाते समय हुसैन डूब गये थे।
अधिकारियों के मुताबिक, बादल फटने के कारण पुंछ के काजी मोरा व डोडा, उधमपुर व रामबन जिलों के विभिन्न ऊंचाई वाले इलाकों में भी बाढ़ की खबरें हैं लेकिन किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
इस बीच, राजौरी और डोडा समेत विभिन्न जिलों में प्रशासन ने नदियों, नालों, झरनों के पास तैरने, नहाने, मछली पकड़ने तथा घूमने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
मौसम विभाग ने शुक्रवार तक जम्मू संभाग के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई है। कुछ स्थानों पर भारी बारिश का भी अनुमान है।
अरुणाचल प्रदेश के बिचोम जिले में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य लापता हो गया।
बृहस्पतिवार को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) की रिपोर्ट में बताया गया कि मंगलवार को भूस्खलन के कारण सचुंग गांव में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दूसरा व्यक्ति पाचुक नदी में बह गया। एक और व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया है और उसका इलाज चल रहा है।
इसके साथ ही पूर्वोत्तर राज्य में मानसून संबंधी आपदाओं से मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है।
केरल में बृहस्पतिवार को मानसूनी बारिश ने जोर पकड़ लिया और एर्नाकुलम, इडुक्की तथा त्रिशूर जिलों के कुछ निचले इलाके जलमग्न हो गए। भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम समेत कुछ स्थानों पर होर्डिंग गिर गए, पेड़ उखड़ गए और सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।
आईएमडी ने इडुक्की, मलप्पुरम और वायनाड जिलों में बृहस्पतिरवार के लिए ‘रेड अलर्ट’ तथा राज्य के सात अन्य जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है।
विभाग ने एर्नाकुलम जिले में मुवत्तुपुझा नदी, त्रिशूर और मलप्पुरम से होकर बहने वाली भरतपुझा, पथनमथिट्टा में अचनकोविल और पंबा नदी, कोट्टायम में मणिमाला, इडुक्की में थोडुपुझा नदी और वायनाड में कबानी नदी के संबंध में अलर्ट जारी किया।
नदियों के जल स्तर में वृद्धि और भारी बारिश के कारण एर्नाकुलम, त्रिशूर और इडुक्की जिलों के निचले इलाके जलमग्न हो गए, जिसके कारण विस्थापित हुए सैकड़ों लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया।
इस बीच, वायनाड जिले के मुंडक्कई-चूरलमाला क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण चूरलमाला नदी उफान पर है, जिससे कीचड़युक्त पानी तेजी से बह रहा है और बेली ब्रिज के पास नदी के किनारों को नुकसान पहुंचा रहा है।
पिछले साल जुलाई में इस क्षेत्र में हुए भूस्खलन में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और कई घर नष्ट हो गए थे।
मध्यप्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बृहस्पतिवार को बारिश हुई और यह सिलसिला आगे भी जारी रहने का अनुमान है। आईएमडी ने अगले 24 घंटे में राज्य के पांच जिलों में बहुत भारी बारिश और 16 अन्य जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान जताया है।
आईएमडी ने कहा कि बृहस्पतिवार सुबह 8:30 बजे समाप्त हुए 24 घंटे की अवधि में राज्य के सभी जिलों में गरज के साथ बारिश हुई।
मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार को कहा कि राजस्थान के पूर्वी भागों में बीते चौबीस घंटे में कई स्थानों पर गरज के साथ हल्की से भारी बारिश दर्ज की गई।
जयपुर स्थित मौसम केंद्र के अनुसार, इस दौरान राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और कहीं-कहीं भारी बारिश दर्ज की गई।
भाषा शफीक अविनाश
अविनाश