प्रयागराज, 26 जून (भाषा) मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पुलिस को 2024 के आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में वीरा के खिलाफ कोई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है।
रुचि वीरा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 (सरकारी अधिकारी द्वारा जारी आदेश का उल्लंघन) और 171-एच (चुनाव के संबंध में अवैध भुगतान) के तहत मुरादाबाद के सिविल लाइंस थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
रुचि वीरा ने 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक मकान में बिना पूर्व अनुमति के कथित तौर पर एक सभा को संबोधित किया था।
न्यायमूर्ति समित गोपाल ने बुधवार को अपने आदेश में कहा, ‘‘सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ताओं रुचि वीरा और उमाकांत गुप्ता के खिलाफ 2024 के मामले में कोई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।’’
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत के समक्ष प्रदीप कुमार चौधरी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में 22 अगस्त 2024 को पारित एक आदेश की प्रति प्रस्तुत की और दलील दी कि मौजूदा मामले में उठाया गया, प्रश्न प्रदीप कुमार चौधरी के मामलों जैसा है जिसमें अंतरिम आदेश पारित किया गया है।
हालांकि, राज्य सरकार के वकील ने इस याचिका का विरोध किया लेकिन वह याचिकाकर्ता के वकील की दलील को खारिज नहीं कर सके।
भाषा राजेंद्र खारी
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