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Saturday, June 28, 2025

जेएसडब्ल्यू पेंट्स ने 8,986 करोड़ रुपये में एक्जो नोबेल इंडिया में 74.76% हिस्सेदारी खरीदी

Fast Newsजेएसडब्ल्यू पेंट्स ने 8,986 करोड़ रुपये में एक्जो नोबेल इंडिया में 74.76% हिस्सेदारी खरीदी

नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) जेएसडब्ल्यू पेंट्स लिमिटेड ने एक्जो नोबेल इंडिया लिमिटेड (एएनआईएल) में 8,986 करोड़ रुपये में बहुलांश नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करने की शुक्रवार को घोषणा की।

जेएसडब्ल्यू पेंट्स, 23 अरब डॉलर के जेएसडब्ल्यू समूह का हिस्सा है।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि अपने डच प्रवर्तकों/होल्डिंग इकाइयों अर्थात् इंपीरियल केमिकल इंडस्ट्रीज और एक्जो नोबेल कोटिंग्स इंटरनेशनल बी.वी. से 8,986 करोड़ रुपये में 74.76 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी।

इसमें कहा गया, ‘‘ जेएसडब्ल्यू पेंट्स ने आज (शुक्रवार) एक्जो नोबेल एनवी और उसके सहयोगियों से एक्जो नोबेल इंडिया में 74.76 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीदने के लिए अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर किए। शेयर खरीद समझौते के तहत अधिकतम 8,986 करोड़ रुपये की राशि पर यह हिस्सेदारी खरीदी जाएगी।’’

इस लेन-देन के साथ, एएनआईएल के डच प्रवर्तक समूह, जिनके पास कंपनी में कुल मिलाकर 74.76 प्रतिशत शेयर थे, भारतीय सजावटी पेंट्स बाजार से बाहर हो गए हैं। भारतीय बाजार में आदित्य बिड़ला समूह जैसे नए खिलाड़ियों के प्रवेश के साथ उथल-पुथल देखी जा रही है।

यह समझौता कुछ अंतिम समायोजनों, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से विनियामक अनुमोदन और एएनआईएल के सार्वजनिक शेयरधारकों के लिए अनिवार्य खुली पेशकश के पूरा होने पर निर्भर करता है। इससे जेएसडब्ल्यू समूह को पेंट खंड में अपना विस्तार करने में मदद मिलेगी। पेंट खंड में उसने 2019 में प्रवेश किया था और यह उद्योग में कदम रखने वाली अपेक्षाकृत नई कंपनी है।

जेएसडब्ल्यू पेंट्स के प्रबंध निदेशक पार्थ जिंदल ने कहा कि पेंट्स एवं कोटिंग्स भारत के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है और जेएसडब्ल्यू पेंट्स सबसे तेजी से बढ़ती पेंट कंपनियों में से एक है।

एक्जो नोबेल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ग्रेग पॉक्स गिलौम ने कहा, ‘‘ यह लेन-देन हमारी रणनीति के क्रियान्वयन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एक्जो नोबेल इंडिया लगातार मजबूत प्रदर्शन कर रही है। हमें उस ब्रांड और प्रतिभा पर गर्व है जिसने इसे सफल बनाया है। हमें विश्वास है कि जेएसडब्ल्यू के साथ कारोबार एक दीर्घकालिक साझेदार के हाथों में है, जिसके पास इस क्षेत्र में गहन स्थानीय विशेषज्ञता और मजबूत महत्वाकांक्षाएं हैं।’’

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

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