30.6 C
Jaipur
Thursday, August 21, 2025

उप्र में अब अधिकतम चार घंटे में होगा पोस्टमार्टम : ब्रजेश पाठक

Newsउप्र में अब अधिकतम चार घंटे में होगा पोस्टमार्टम : ब्रजेश पाठक

लखनऊ, 27 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश के उप मुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को कहा कि पोस्टमार्टम के लिए पीड़ित परिवारों को अब अधिक इंतजार नहीं करना होगा और अधिकतम चार घंटे में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि उप मुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दुख की घड़ी में परिजनों की पीड़ा कम करने के लिए पोस्टमार्टम को अधिकतम चार घंटे में करने के निर्देश दिए हैं।

पाठक के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने पोस्टमार्टम के लिये नये दिशा निर्देश जारी किया है।

बयान के अनुसार प्रदेश भर के पोस्टमार्टम हाउस में नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब शव का पोस्टमार्टम अधिकतम चार घंटे में करना होगा। जिन जिलों में अधिक संख्या में पोस्टमार्टम हो रहे हैं, वहां के मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी (सीएमओ) को दो या इससे अधिक डॉक्टरों की टीमें बनाकर इस संवेदनशील कार्य को संपन्न कराने की जिम्मेदारी दी गयी है, ताकि परिवारीजनों को शव के लिए अधिक इंतजार न करना पड़े।

स्वास्थ्य महकमा संभाल रहे उप मुख्‍यमंत्री पाठक के हवाले से बयान में कहा गया है कि सूर्यास्त के बाद नियमानुसार पोस्टमार्टम कराया जाए और जल्द से जल्द शव के साथ संबंधित अभिलेख भी पोस्टमार्टम हाउस भेजे जाएं। रात में पोस्टमार्टम की दशा में 1000 वॉट लाइट की कृत्रिम व्यवस्था की जाए, दूसरे जरूरी संसाधन भी पर्याप्‍ हों, ताकि 24 घंटे पोस्टमार्टम की कार्रवाई चलती रहे।

उन्होंने कहा कि हत्या, आत्महत्या, यौन अपराध, क्षत-विक्षत शव व संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु संबंधी प्रकरणों में रात में पोस्टमार्टम न कराएं जाएं। हालांकि अपरिहार्य कारणों में जिलाधिकारी व उनके अधिकृत अधिकारी की अनुमति पर रात में भी पोस्टमार्टम कराया जा सकता है।

बयान में कहा गया है कि वीडियोग्राफी का पैसा परिवार से नहीं लिया जाए और कानून व्यवस्था से जुड़े प्रकरण, पुलिस मुठभेड़, पुलिस अभिरक्षा में मृत्यु, विवाह के प्रथम 10 वर्षों में हुई महिला की मृत्यु आदि में रात में होने वाले पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई जाए।

उन्होंने बताया कि महिला अपराध,दुष्कर्म, विवाह के प्रथम 10 वर्षों के भीतर महिला की मृत्यु की दशा में पोस्टमार्टम पैनल में महिला चिकित्सक अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए।

अज्ञात शव की पहचान के लिए डीएन नमूना का संग्रह जरूर किया जाए।

भाषा मनीष आनन्‍द मनीषा रंजन

रंजन

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles