बेंगलुरु, 27 जून (भाषा)कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कृष्णराज सागर (केआरएस) जलाशय के पास प्रस्तावित कावेरी आरती को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। याचिका में आरती से पारिस्थितिकी और सुरक्षा को होने वाले संभावित खतरों को लेकर चिंता जताई गई है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सी एम जोशी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता सुनंदा जयराम की ओर से पेश हुए अधिवक्ता राजन्ना आर की प्रारंभिक दलीलों पर विचार करने के बाद यह नोटिस जारी किया।
पीठ ने सभी प्रतिवादियों को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
याचिका में जल संसाधन विभाग की गंगा आरती की तर्ज पर कावेरी आरती आयोजित करने की योजना को चुनौती दी गई है, जिसके लिए राज्य ने कथित तौर पर 92.30 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।
सरकार का लक्ष्य दशहरा तक इस कार्यक्रम को शुरू करना है और वह आरती देखने के लिए लगभग 10,000 लोगों के हिसाब से तैयारी कर रही है।
यह धनराशि बड़े स्तर पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए है, जिसमें स्टेडियम, पार्किंग क्षेत्र और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
याचिकाकर्ता के अनुसार, यह निर्णय इसके व्यापक प्रभावों का पर्याप्त आकलन किये बिना लिया गया।
याचिका में दलील दी गई है कि प्रस्तावित निर्माण गतिविधि और श्रद्धालुओं के आने से केआरएस बांध की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है, नदी को प्रदूषित कर सकती है और आसपास के पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित कर सकती है। याचिका में इस बात की भी चिंता जताई गई है कि इस पहल से व्यापक कावेरी बेसिन में कृषि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
भाषा धीरज दिलीप
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