नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डीआईएएल) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण को सूचित किया है कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर विमानों से होने वाले शोर के स्तर से संबंधित आंकड़े सभी के लिए आसानी से उपलब्ध हैं, क्योंकि इन्हें वेबसाइट पर सुविधाजनक ढंग से प्रदर्शित किया गया है।
डीआईएएल राष्ट्रीय राजधानी में आईजीआई हवाई अड्डे का संचालन करता है। हरित अधिकरण रात में विमानों के उतरने और उड़ान भरने के कारण आईजीआई हवाई अड्डे पर होने वाले ध्वनि प्रदूषण के मामले में उसकी ओर से दिये गए निर्देश के अनुपालन को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने 26 मई को पारित और अब उपलब्ध आदेश में कहा कि डीआईएएल ने शोर शमन उपायों को अपनाने के लिए मार्च 2024 के निर्देशों पर अनुपालन रिपोर्ट दायर की है।
डीआईएएल ने दावा किया कि दिल्ली हवाई अड्डे के ‘एप्रोच रनवे’ और ‘डिपार्चर फनेल’ (रनवे के आसपास निर्दिष्ट स्थान, जहां विमान उड़ान भरने से पहले होते हैं) पर होने वाली शोर निगरानी टर्मिनल पर दर्ज की जाती है और संबंधित आंकड़े अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करती है।
पीठ ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह ‘‘सुविधाजनक रूप से प्रदर्शित’’ आंकड़े ‘सभी के लिए आसानी से सुलभ’ थे।
अधिकरण ने कहा कि डीआईएएल की रिपोर्ट में आश्वासन दिया गया है कि दिल्ली हवाई अड्डे पर दर्ज किए गए विमानों के शोर के स्तर को हर महीने वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा और दैनिक आंकड़ों का उल्लेख किया जाएगा।
डीआईएएल की रिपोर्ट के अनुसार, उसने नियमों द्वारा निर्धारित ध्वनि स्तर का अनुपालन सुनिश्चित किया है।
एनजीटी ने कहा,‘‘इस प्रकार, हम पाते हैं कि अधिकरण द्वारा जारी निर्देश का अनुपालन किया गया है।’’
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि जुलाई से दिसंबर 2024 तक रनवे-वार आगमन और प्रस्थान के विवरण से पता चलता है कि 50 प्रतिशत से अधिक उड़ानें रनवे संख्या 29 और 11 से आती-जाती हैं, जिससे वसंत कुंज के निवासियों पर असर पड़ रहा है।
अधिकरण ने कहा, ‘‘जहां तक रनवे 29/11 के उपयोग के संबंध में आवेदक के आरोप का सवाल है, इस संबंध में उसकी ओर से कोई अलग से विशिष्ट निर्देश नहीं था।’’
भाषा धीरज संतोष
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