मुंबई, 27 जून (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को अधिकारियों से प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमाओं के संबंध में पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ नीति बनाने के लिए कहा है।
गणेश उत्सव के दौरान प्राकृतिक जल निकायों में पीओपी की मूर्तियों का विसर्जन एक विवादास्पद मुद्दा रहा है, क्योंकि प्लास्टर ऑफ पेरिस को प्रदूषक के रूप में देखा जाता है।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयाान में कहा गया है कि यहां त्योहारों के पर्यावरण अनुकूल उत्सव पर चर्चा करने के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए, फडणवीस ने सांस्कृतिक प्रथाओं और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा, ‘‘नीति में परंपरा के साथ-साथ दीर्घकालिक पर्यावरणीय समाधान भी शामिल होने चाहिए। (इतना ही नहीं) इसे पर्याप्त रूप से मजबूत होना चाहिए, ताकि यह कानूनी परीक्षणों पर खरा उतर सके।’’
सीएमओ के बयान में कहा गया है कि बम्बई उच्च न्यायालय ने पीओपी मूर्तियों के विसर्जन के संबंध में कुछ निर्देश जारी किए थे, और इसके जवाब में राज्य सरकार ने राजीव गांधी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आयोग द्वारा एक अध्ययन कराया था।
आयोग के अध्यक्ष डॉ. अनिल काकोदकर द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में बड़ी मूर्तियों को गहरे समुद्र में विसर्जन की संभावना तलाशने जैसी सिफारिशें शामिल थीं।
इस बीच, फडणवीस ने नगर निगम अधिकारियों को विसर्जन के बाद विशेष रूप से समुद्र तटों पर सफाई अभियान चलाने और मूर्ति निर्माण में पर्यावरण अनुकूल सामग्री एवं प्राकृतिक रंगों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का निर्देश दिया।
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