मुंबई, 27 जून (भाषा) शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) ने शुक्रवार को कहा कि वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से महाराष्ट्र में स्कूली पाठ्यक्रम में हिंदी को ‘थोपे जाने’ के खिलाफ पांच जुलाई को होने वाले विरोध मार्च का समर्थन करेगी।
राज्य सरकार द्वारा नयी शिक्षा नीति के तहत तीन-भाषा फॉर्मूला लागू करने की योजना के खिलाफ यह विरोध आयोजित किया जा रहा है।
शिक्षा नीति के तहत पहली कक्षा से हिंदी को अनिवार्य बनाना शामिल है। राकांपा-एसपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने सोशल मीडिया पर साझा किए एक खुले पत्र में इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी क्षेत्रीय हितों के मामलों में महाराष्ट्र के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है।
पाटिल ने कहा कि इस कदम का शिक्षाविदों, अभिभावकों, भाषाविदों एवं कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है और वे दलील दे रहे हैं कि प्रारंभिक शिक्षा बच्चे की मातृभाषा में होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मराठी भाषी आबादी हिंदी सहित कई भाषाओं को सीखने के खिलाफ नहीं है।
पाटिल ने जोर देकर कहा कि प्राथमिक स्तर पर हिंदी को थोपना अस्वीकार्य है। उन्होंने चेतावनी दी, “अगर तीन-भाषा नीति का इस्तेमाल मातृभाषा को दरकिनार करने के लिए किया जा रहा है, तो मराठी भाषी समुदाय एकजुट होकर ऐसे कदमों का विरोध करेगा।”
शरद पवार गुट के नेता ने इस मुद्दे को भाषाई और क्षेत्रीय पहचान से जुड़ा बताते हुए पार्टी पदाधिकारियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं से पांच जुलाई को विरोध मार्च में बड़ी संख्या में भाग लेने का आह्वान किया।
पाटिल ने कहा कि इस मार्च का उद्देश्य स्कूली शिक्षा में मराठी भाषा की भूमिका की रक्षा करना है।
भाषा जितेंद्र सुरेश
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