(तस्वीर के साथ)
वाराणसी, 27 जून (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि खेती-बाड़ी की स्थिति बेहतर बनाने के लिए फसल की नई किस्मों, उन्नत प्रौद्योगिकी और खेतों में किसानों को होने वाली समस्या को दूर करने की दिशा में काम करने की जरूरत है।
उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने और बेहतर उत्पादन के लिए वाराणसी में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) के वैज्ञानिकों, कृषि से जुड़े पदाधिकारियों और कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के विशेषज्ञों के साथ शुक्रवार को समीक्षा बैठक में यह बात कही।
आधिकारिक बयान के अनुसार, समीक्षा बैठक में केंद्रीय मंत्री ने वैज्ञानिकों को ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को आगे बढ़ाने और किसानों के साथ संवाद को गति देने की बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘कृषि की स्थिति ठीक करने के लिए फसल की नई किस्मों, उन्नत प्रौद्योगिकी और खेतों में किसानों को होने वाली समस्या को दूर करने की दिशा में काम करना होगा।’’
देश भर में चलाए गए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की सफलता की प्रशंसा करते हुए चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन से कृषि के क्षेत्र में कई कार्य किए जा रहे हैं और इससे खाद्यान्न उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है।
कृषि मंत्री ने सब्जी उत्पादन बढ़ाने के लिए ‘जीनोम एडिटिंग’, बीज उपचार, जैविक खेती एवं प्राकृतिक खेती के लाभ को किसानों तक पहुंचाने और नकली खाद, बिना मानकों वाले बीज एवं कीटनाशक जैसी समस्याओं से किसानों को निजात दिलाने के लिए कार्य-योजना बनाने के लिए कहा।
ग्रामीण विकास विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे चौहान ने कहा कि देश में लगभग 16 हजार कृषि वैज्ञानिक हैं जो शोध करते हैं और उन्नत गुणवत्ता के बीज तैयार करते हैं। उन्होंने ‘प्रयोगशाला से खेत तक’ कार्यक्रम की प्रशंसा की और कहा कि इससे किसानों की जरूरतों के अनुसार शोध किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने टमाटर का जीवन बढ़ाने, सूखे पाउडर और निर्यात को बढ़ाने वाली फसलों का विकास करने, जैविक और परंपरागत खेती से उत्पादन के वैज्ञानिक तथ्यों पर आंकड़े जुटाने, ‘जीनोम एडिटिंग’ पर तेजी से कार्य करने और ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ से मिले अनुभवों के आधार पर किसान और खेत की आवश्यकता के अनुसार शोध करने की जरूरत पर बल दिया।
चौहान ने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने, उपज के नुकसान की भरपाई करने, उत्पादन के उचित दाम देने और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का काम हो रहा है।
मंत्री ने आगामी रबी सत्र के लिए क्षेत्रवार कार्य-योजना तैयार करने पर जोर दिया और कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती को देखते हुए सब्जी उत्पादन प्रणाली में मजबूती लानी होगी।
उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों और शोध संस्थानों को समन्वय का एक प्रभावी माध्यम बताते हुए किसानों तक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की गति तेज करने की भी बात कही।
भाषा जफर राजकुमार अनुराग रमण
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