इंफाल, 27 जून (भाषा) मणिपुर में नगा जनजाति ‘तंगखुल नगा’ से जुड़े संगठनों ने शुक्रवार को कुकी समुदाय को उखरुल जिले में 26 जून को एक यात्री वाहन पर हुए हमले में शामिल लोगों को सौंपने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया है। इस हमले में दो लोग घायल हो गए थे।
तांगखुल नगा प्रमुख नगा जनजातियों में से एक है। इस समुदाय के लोग मणिपुर के उखरुल जिले और पड़ोसी म्यांमा के कुछ हिस्सों में रहते हैं।
यह बयान काथो कातमनाओ लोंग और तंगखुल नगा वैली स्टूडेंट्स एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया गया है। यह घटना एक दिन पहले मोंगकोट चेपू गांव में हुई थी, जहां एक भीड़ ने एक वाहन चालक पर हमला किया और एक महिला यात्री को घायल कर दिया। संदेह है कि यह भीड़ कुकी समुदाय के लोगों की थी।
नागरिक समाज से जुड़े संगठनों ने मांग की है कि बदमाशों को 24 घंटे के भीतर उन्हें सौंप दिया जाए, अन्यथा ‘गंभीर परिणाम’ होंगे और कुकी समुदाय के लोगों को उखरुल जिले में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यह वाहन उखरुल जा रहा था और उसी दौरान वाहन को रोका गया और उस पर हमला किया गया।
‘तंगखुल नगा’ ने एक बयान में दावा किया कि यह पहली घटना नहीं है, जिसमें उखरुल से इंफाल मार्ग के किनारे रहने वाले कुकी समुदाय के लोगों ने यात्रियों के साथ इस तरह का बर्ताव किया है।
बयान में आरोप लगाया गया है कि कुकी समुदाय ने साबित कर दिया है कि वे शांति नहीं चाहते हैं। बयान में कहा गया, ‘‘तीन मई 2023 की घटना के बाद से शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में रहने के हमारे प्रयासों को नजरअंदाज किया गया है और इसे कमजोरी और कायरता के रूप में देखा जाता है।’’
मणिपुर में मई 2023 में जातीय हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें कम से कम 260 लोग मारे गए थे। मेइती और कुकी समुदाय के बीच संघर्ष में हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें राहत शिविरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
भाषा शोभना सुरेश
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