वाशिंगटन, 27 जून (एपी) अमेरिका की सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी एक न्यायाधीश को पूरे देश के लिए कोई आदेश देने का अधिकार नहीं है। हालांकि, न्यायालय ने यह साफ नहीं किया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जन्मसिद्ध नागरिकता पर लगाई गई रोक का क्या होगा।
यह फैसला रिपब्लिकन राष्ट्रपति के लिए एक जीत है, जिन्होंने व्यक्तिगत न्यायाधीशों द्वारा उनके एजेंडे में बाधा डाले जाने की शिकायत की है।
हालांकि अदालत के रूढ़िवादी बहुमत ने यह संकेत दिया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जन्मसिद्ध नागरिकता से जुड़े आदेश पर अब भी पूरे देश में रोक लगाई जा सकती है।
राष्ट्रपति ट्रंप का यह आदेश उन बच्चों को अमेरिकी नागरिकता देने से रोकता है जो ऐसे माता-पिता के यहां पैदा हुए हैं जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं।
जन्मसिद्ध नागरिकता अमेरिका में जन्म लेने वाले किसी भी व्यक्ति को स्वत: अमेरिकी नागरिक बना देती है, जिसमें देश में अवैध रूप से जन्म लेने वाले बच्चे भी शामिल हैं।
गृह युद्ध के तुरंत बाद संविधान के 14वें संशोधन में इस अधिकार को शामिल किया गया था।
अमेरिका उन 30 देशों में से एक है जहां जन्मसिद्ध नागरिकता का सिद्धांत लागू होता है। इनमें से ज्यादातर देश अमेरिका में हैं जिनमें कनाडा और मेक्सिको भी शामिल हैं।
ट्रंप और उनके समर्थकों ने तर्क दिया है कि अमेरिकी नागरिक बनने के लिए कड़े मानक होने चाहिए, जिसे उन्होंने अपने कार्यकाल के पहले दिन हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश में ‘एक अमूल्य और गहरा उपहार’ कहा था।
ट्रंप प्रशासन ने जोर देकर कहा है कि गैर-नागरिकों के बच्चे अमेरिका के ‘अधिकार क्षेत्र के अधीन’ (संशोधन में इस्तेमाल किया गया एक वाक्यांश) नहीं हैं, इसलिए वे नागरिकता के हकदार नहीं हैं।
एपी संतोष सुरेश
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