मुंबई, 27 जून (भाषा) शिवसेना (उबाठा) के नेता आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी भाषा को ‘‘थोपने’’ को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नीत सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि मंत्री सरकार चला रहे हैं या ‘कॉमेडी शो’।
ठाकरे ने स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें पहली कक्षा में भेजा जाना चाहिए, जिसे वे पास नहीं कर पाएंगे।
महाराष्ट्र में त्रिभाषा फार्मूले को लेकर विवाद तब शुरू हो गया जब राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह एक संशोधित आदेश जारी किया। इस आदेश में कहा गया है कि मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को हिंदी ‘सामान्यत:’ तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाएगी।
आदित्य ठाकरे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘क्या वे सरकार चला रहे हैं या कॉमेडी शो? शिक्षा मंत्री को पहले स्कूल जाकर सबक लेनी चाहिए। पहली कक्षा के विद्यार्थियों पर पहले से ही तीन भाषाओं की अनिवार्यता है। साथ ही किताबें नहीं होंगी, मौखिक पढ़ाई होगी। ’’
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे भले ही राजनीतिक रूप से अलग हों, लेकिन उन्होंने मराठी भाषा के मुद्दे पर एक साथ आने का फैसला किया है।
उनकी पार्टियां हिंदी भाषा ‘‘थोपे’’ जाने और पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा के लिए सरकार के त्रि-भाषा फॉर्मूले के खिलाफ मिलकर प्रदर्शन करेंगी।
पांच जुलाई को होने वाला विरोध प्रदर्शन शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे को एक मंच पर लाएगा।
दोनों नेताओं ने बृहस्पतिवार को एक ही समय पर अलग-अलग संवाददाता सम्मेलनों को संबोधित करते हुए कहा था कि वे हिंदी और त्रि-भाषा फॉर्मूले को थोपे जाने का पुरजोर विरोध करेंगे।
उद्धव ने सात जुलाई को आजाद मैदान में कुछ संगठनों द्वारा आयोजित प्रदर्शन में शामिल होने की घोषणा की थी, जबकि उनके चचेरे भाई राज ने कहा था कि वह छह जुलाई को गिरगांव चौपाटी से एक गैर-राजनीतिक मार्च निकालेंगे और इसमें शिवसेना (उबाठा) सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित करेंगे।
शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज ने छह जुलाई को प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।
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