मुंबई, 28 जून (भाषा) गैरकानूनी बांग्लादेशी लाभार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं से बाहर करने के प्रयास में, महाराष्ट्र सरकार ने विभिन्न विभागों को पहचान, निवास और लाभ प्राप्त करने के अधिकार से संबंधित दस्तावेजों की जांच करने का निर्देश दिया है।
महाराष्ट्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं और सार्वजनिक संसाधनों के दुरुपयोग का उल्लेख करते हुए, शुक्रवार को जारी एक सरकारी प्रस्ताव में निर्देश दिया कि फर्जी या छेड़छाड़ किए गए दस्तावेजों के आधार पर सरकारी प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले व्यक्तियों का रिकॉर्ड तैयार किया जाए।
इसमें कहा गया है कि ऐसे व्यक्तियों की पहचान होने के बाद उन्हें ‘ब्लैकलिस्ट’ किया जाएगा और उनके विवरण संबंधित विभागों की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से मुहैया कराए जाएंगे, ताकि अन्य सरकारी विभागों में भविष्य में किसी भी तरह का दुरुपयोग रोका जा सके।
इसके अनुसार अब व्यक्तिगत कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले आवेदकों को यह घोषणा करनी होगी कि वे भारतीय नागरिक हैं और यह भी स्वीकार करना होगा कि यदि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कोई झूठा दावा पाया गया, तो उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है।
सरकारी प्रस्ताव में यह उल्लेख किया गया है कि अवैध प्रवासी, विशेष रूप से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में, जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके सरकारी सब्सिडी और रोजगार के अवसर प्राप्त कर रहे हैं।
भाषा योगेश अमित
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